इंदौर में जलभराव वार्ड को 51 हजार रुपये का पुरस्कार, एमआईसी सदस्य ने जताया विरोध
इंदौर में व्यापक जलभराव की समस्या को ध्यान में रखते हुए, सामाजिक संस्था एकाग्र ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। संस्था ने शहर के सबसे अधिक जलभराव वाले वार्ड को 51 हजार रुपये की नगद राशि पुरस्कार के रूप में देने का निर्णय लिया है। यह पहल पार्षदों को जलभराव की समस्या को गंभीरता से लेने और इसके समाधान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की गई है।
एकाग्र संस्था के प्रतिनिधि ने बताया, “हम चाहते हैं कि पार्षद जलभराव की समस्या को अपनी प्राथमिकताओं में रखें और इसके लिए ठोस कदम उठाएं। यह पुरस्कार उन्हें प्रोत्साहित करेगा कि वे इस समस्या को सुलझाने के लिए अधिक मेहनत करें। हमारा लक्ष्य जलभराव को कम करना और शहर को अधिक सुगम बनाना है।”
हालांकि, इस घोषणा के बाद नगर के एमआईसी (मिलनिया इंस्पेक्शन कमिटी) सदस्य ने इस पहल का कड़ा विरोध किया है। एमआईसी सदस्य ने इसे एक साजिश बताते हुए आरोप लगाया कि यह पुरस्कार पार्षदों के खिलाफ एक नकारात्मक प्रचार अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “यह पहल पार्षदों की नाकामियों को उजागर करने का एक तरीका है और यह पूरी तरह से अनुचित है। जलभराव की समस्या केवल पार्षदों की नहीं, बल्कि नगर निगम की नीति और प्रशासन की भी जिम्मेदारी है।
इस विरोध के मद्देनजर, महापौर और नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने स्पष्ट किया कि जलभराव की समस्या को सुलझाने के लिए पार्षदों के अलावा नगर निगम और प्रशासन की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर काम करना है। एकाग्र संस्था की यह पहल सराहनीय है, लेकिन समाधान के लिए समन्वित प्रयास की आवश्यकता है।
इस विवाद ने संस्थान और स्थानीय प्रशासन के बीच मतभेद को उजागर कर दिया है। वहीं, यह मुद्दा स्थानीय राजनीति और प्रशासन के भविष्य पर भी असर डाल सकता है। इंदौर में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए इस बहस ने जनता में जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया है। कई नागरिकों ने संस्था की पहल का समर्थन किया, जबकि अन्य प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल उठाते हुए उनके विरोध में खड़े हुए।
इस प्रकार, इंदौर में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए समाजिक संस्थाओं और प्रशासन के बीच तालमेल की आवश्यकता स्पष्ट हो गई है। आगामी दिनों में यह देखना रुचिकर होगा कि कैसे ये दोनों पक्ष मिलकर इस चुनौती का सामना करेंगे और शहर को स्वच्छ और सुगम बनाने के दिशा में कदम बढ़ाएंगे।