अफ्रीकी देश माली में सोने की खदान धंसने से 73 लोगों की मौत हो गई। हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था, जिसमे मरने वाले 73 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इस भयवाह घटना पर माली सरकार ने मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, माली की गिनती अफ्रीका के बेहद ही गरीब देशों में होती है। लेकिन यहां सोने का बंपर उत्पादन होता है, माली में लैंडस्लाइड के कारण खदानों का धंसना आम है। यहां खदानों में काम करने वाले मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, इतनी बड़ी तादाद में मौतें लंबे समय बाद हुई है।
माली की खदानों पर विदेशी कंपनियों का कब्जा –
हादसे के बाद माली की सरकार ने खनन करने वालों से अपील की है कि, खनन में शामिल होने वाले मजदूरों को सुरक्षा संबंधि उपकरण जरूर मुहैया कराएं। दरअसल, माली के खनन क्षेत्र में कनाडा की बैरिक गोल्ड, बीटूगोल्ड, ऑस्ट्रेलिया की रेसोल्यूट माइनिंग, ब्रिटेन की हमिंगबर्ड रिसोर्सेज सहित कई विदेशी कंपनियों का कब्जा है। माली में सालों से जारी राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद ये कंपनियां यहां लगातार खनन करती हैं।
बड़े पैमाने पर होता है खनन –
दरअसल, अफ्रीका के कई देशों में सोने के भंडार हैं। यहां बड़ी मात्रा में गोल्ड माइनिंग होती है और इतना ही नहीं गोल्ड सिटी ऑफ वर्ल्ड भी दक्षिण अफ्रीका में ही है। विटवाटरसैंड नाम की यह खदान दक्षिण अफ्रीका के गौटेंग प्रांत में स्थित है, जहां का सबसे बड़ा शहर जोहान्सबर्ग है। यहां के विशाल गोल्ड भंडार ने दुनिया के कुल सोने के उत्पादन का 40 प्रतिशत से अधिक उत्पादन किया है। कहा जाता है कि, पहाड़ियों पर स्थित जोहान्सबर्ग शहर को बसाया ही गया था सोने के खानों की खुदाई के हिसाब से।