Jitu Jatav: इंदौर के वार्ड 24 के पार्षद और MiC सदस्य जीतू जाटव उर्फ़ यादव पर अखिल भारतवर्षीय यादव समाज ने गंभीर आरोप लगाए हैं। समाज का कहना है कि, जीतू जाटव, जो अनुसूचित जाति के चर्मकार समाज से हैं और अपने असली नाम “जाटव” के बजाय “यादव” सरनेम का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो अनधिकृत है।
अखिल भारतवर्षीय यादव समाज का दावा
यादव समाज ने कहा कि यह सरनेम उनके समाज की प्रतिष्ठा से जुड़ा है और इसका दुरुपयोग समाज की गरिमा को नुकसान पहुंचा रहा है। जिससे उनके समाज के गौरवशाली नाम का दुरुपयोग हुआ है। समाज ने चेतावनी दी है कि इस सरनेम का अनधिकृत उपयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यादव समाज का गौरवशाली इतिहास
समाज ने अपने बयान में कहा कि, यादव समाज यदुवंशी श्रेष्ठ भगवान श्रीकृष्ण के वंशज होने पर गर्व करता है। यह समाज हमेशा से धर्म, वीरता और न्याय के प्रतीक के रूप में जाना गया है। महाभारत युद्ध से लेकर स्वतंत्रता संग्राम तक यादव समाज ने अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान में भी समाज ने राजनीति, खेल, प्रशासन, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में अपनी साख बनाई है।
नकली यादवों पर कड़ी आपत्ति
वहीं, कुछ छपरी टाइप के लोग यादव समाज के सरनेम का अनाधिकृत रूप से उपयोग कर इसकी गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। बयान में पार्षद जीतू जाटव का उल्लेख करते हुए कहा कि, उनके जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति को अपने मूल सरनेम ‘जाटव’ का उपयोग करना चाहिए और अपने समाज को गौरवान्वित करना चाहिए, ना की किसी और समाज का उपनाम इस्तमाल कर आम जनता और अपनी समाज से ऐसा दुर्व्यवहार करना चाहिए। अखिल भारतवर्षीय यादव समाज ने देश के हर नागरिक जो यदुवंश के उपनाम का अनधिकृत उपयोग करते हैं उन्हें चेतावनी दी है कि, यदि भविष्य में किसी ने ‘यादव’ सरनेम का अनधिकृत उपयोग किया, तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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