मेडिकल साइंस ने आज इतनी तरक्की कर ली है कि, बाजारो में ऐसी-ऐसी मशीनें आ गईं हैं जो इलाज के दौरान हमें अचंभित करती हैं। बड़ी से बड़ी सर्जरी और बीमारी का इलाज अब आसानी से हो जाता है, लेकिन आज भी वैज्ञानिक आदमी को जिंदा करने की टेक्निक नहीं खोज सके हैं।
हालांकि, आस्ट्रेलिया(Australia) की एक कंपनी ने प्राचीन मिस्र की ममी तकनीक को अपनाते हुए नई टेक्नोलॉजी से इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है। बता दें कि, प्राचनी मिस्र में लोग पुनजर्न्म में विश्वास रखते थे और वे मानते थे कि, मृत व्यक्ति के शरीर को संभालकर रखना चाहिए, ताकि अगले जन्म में उन्हें वह शरीर दोबारा मिल सके। इसी वजह से प्राचीनकाल से लोगों ने ममी बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी। अब आज के समय में कंपनी की यह टेक्निक भी कुछ ममी जैसी ही है।
यह करिश्मा ऑस्ट्रेलिया(Australia) की सॉउथर्न क्रायोनिक्स (Southern Cryonics) कंपनी ने किया है। जिसका मुख्य ऑफिस सिडनी(Sydne) में है। कंपनी का कहना है कि, उसने होलब्रुक्र में एक ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है, जिसमें मरे हुए इंसानो के शवो को -200 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर के एक बॉक्स में रखा जाएगा। Cryonics Technology Latest….इससे वह एकदम उसी कंडीशन में रहेगा, जिसमें उसे रखा गया था। कंपनी का दावा है कि, अगर फ्यूचर में इंसान को जिंदा करने की कोई तकनीक आती है तो लाश को बॉक्स से निकालकर उन्हें नई जिंदगी दे दी जाएगी।
कंपनी की मानें तो वह इस सुविधा के लिए ग्राहकों से 1 करोड़ से अधिक का चार्ज वसूल करेगी और अगर इस टेक्निक की बात करें तो कंपनी इंसान के लाश को लिक्विड नाइट्रोजन में -200 डिग्री सेल्सियस टेम्परेचर में एक स्टील के चैम्बर में उल्टा करके रखेगी। शव को उल्टा रखने की वजह यह है कि, अगर चैम्बर लीक हो जाता है तो भी शव का ब्रेन बचा रहे।
कंपनी के इस प्रोजेक्ट को साइंस में क्रायोनिक्स(Cryonics) नाम से जाना जाता है और इसमें शव को अगर जल्दी जमा दिया जाए तो उसे मौत से पलटा जा सकता है। वहीँ कंपनी का दावा है कि, उसके पास अभी ऐसे 40 बॉक्स हैं, यानी वह 40 शवों को रख सकती है। हालांकि मैनेजमेंट कह रहा है कि, “जल्द ही हम इसकी संख्या बढ़ाएंगे और एक ऐसा वेयरहाउस बनाएंगे जहां 600 लाशों को इस तरह से रखने की व्यवस्था हो।”