22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं आपने अक्सर सफर के दौरान पानी की एक ब्रांड वाली बॉटल खरीदी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं… की दुनिया में कुछ ब्रांड ऐसे भी है जिनको खरीदने के लिए आपको पानी की तरह पैसा बहाना पड़ेगा। लाखो रुपयों में सिर्फ चुल्लूभर पानी जिससे शायद ही आपकी प्यास भुझे। तो चलिए जानते है ऐसे ही कुछ टॉप 10 ब्रांड्स के बारे में।
![Fillico Jewelry Water](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/03/Fillico-Jewelry-Water-300x177.png)
Fillico Jewelry Water: यह है दुनिया का सबसे महंगा पानी, जापान में इसे बोतलबंद करते हैं, इसकी कीमत 1.15 लाख रुपये हैं। यानी इतने में आप I Phone खरीद सकते हैं। जापान में इसे नूनोबिकी वाटर भी कहा जाता हैं। इसका पानी जापान के कोबे इलाके के झरनों से लाया जाता है और बोतल में स्वारोवस्की क्रिस्टल, सोने की परत और चमकते हुए पंख लगा कर इसे बेचा जाता हैं।
![Nevas Design Edition](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/03/Nevas-Design-Edition-300x178.png)
Nevas: इस पानी को जर्मनी में बोतलबंद किया जाता है। इसका पानी पुराने कुओं के माध्यम से लाया जाता है। शुरुआत में इसे सिर्फ जर्मनी में ही बेचा जाता था। लेकिन अब इसकी बिक्री पूरी दुनिया में होती है और इसकी बोतल का डिज़ाइन किसी वाइन बॉटल जैसा दिखता है।
![Bling H2O:](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/03/Bling-H2O-300x178.png)
Bling H2O: इस पानी को अमेरिका में बोतलबंद किया जाता है। इसका मुख्या स्त्रोत झरना है। इसे खास तरह के ग्लास बोतल में पैक किया जाता है, जिस पर स्वारोवस्की क्रिस्टल लगे होते हैं। इसे हॉलीवुड के एक्टर्स काफी ज्यादा पसंद करते हैं।
![Svalbarði Polar Iceberg Water](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/03/Svalbardi-Polar-Iceberg-Water-300x178.png)
Svalbarði Polar Iceberg Water: नॉर्वे के स्वालबर्ड के हिमखंडों से इस पानी को जमा किया जाता है। यानी आर्कटिक में तैर रहे आइसबर्ग के पिघलने से पहले ही उसे बोतलबंद कर लिया जाता है और मार्केट में ऊंचे दामों पर नीलाम कर दिया जाता हैं।
![Ô Amazon](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/03/O-Amazon-300x176.png)
Ô Amazon: ब्राजील में इसकी बॉटलिंग होती है और इस पानी की कीमत इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि इसे कोहरे से जमा किया जाता है। पहाड़ों पर खास तरह की जालियां लगाई जाती हैं, जिनसे कोहरा चिपक जाता है और फिर उससे जमा पानी को बोतलबंद कर मार्केट में लाया जाता है।
![Uisge Source](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/03/Uisge-Source-300x177.png)
Uisge Source: कनाडा की एक कंपनी इसकी बॉटलिंग करती है। असल में इस पानी को व्हिस्की के साथ पेयरिंग करने के मकसद से बनाया गया था। इस पानी को कई प्राकृतिक झरनों से जमा किया जाता है और इसे सिर्फ 100 मिलीलीटर की बॉटल में ही बेचा जाता है।
![ROI](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/03/ROI-300x178.png)
ROI: स्लोवेनिया में इस पानी की पैकेजिंग होती है। इसमें मैग्नीशियम की मात्रा काफी होती है और इसका पानी एक खास झरने से जमा किया जाता है।
![Minus 181](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/03/Minus-181-300x177.png)
Minus 181: उत्तरी जर्मनी के 181 मीटर गहरे कुएं से यह पानी निकाला जाता है और इसकी बोतल में सिर्फ 681 मिलीलीटर पानी ही आता है। इसे रीडल कंपनी बनाती है, जिसकी स्थापना सन 1756 में की गई थी। असल में यह कंपनी वाइन के ग्लासवेयर बनाती है।
![Berg](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/03/Berg-300x178.png)
Berg: कनाडा में इसकी पानी की पैकेजिंग की जाती है। पानी को ग्रीनलैंड के आइसबर्ग यानी हिमखंडों से लाया जाता है। खासतौर से, उन हिमखंडों से जो तेजी से पिघल रहे होते हैं। आइसबर्ग से बनाए जाने की वजह से इसका नाम बर्ग रखा गया है।
![BLVD](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/03/BLVD-300x177.png)