आप माँ सती के बारे में तो आप जानते ही होंगे जब माँ सती अपने पिता के घर जाती है तब उनके पिता प्रजापति दक्ष भगवान शंकर को अपमानित करते है तो माँ सती क्रोधित होकर अग्नि कुण्ड में स्वयं को भस्मीभूत जाती है। उनके अंग जहाँ जहाँ गिरते है वह स्थान को शक्ति पीठ के नाम से जाना जाता है।
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पर क्या आप ये जानते है की एक और ऐसा स्थान है जैसे मणिकर्ण के नाम से जाना जाता है इसकी मान्यता है की माँ पार्वती के कानों की बाली शेषनाग के पास गिरी थी। जिसे लेने भगवान शिव गए थे और यही वो स्थान था जहाँ भगवान शिव शेषनाग पर क्रोधित हो उठे थे। इसलिए इस स्थान को मणिकर्णिका के नाम से जाना जाता है।
भारत के हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में यह मंदिर समुद्र तल से 1760 मीटर की ऊंचाई पर उत्तर पश्चिम में पार्वती घाटी और पार्वती नदियों के मध्य बसा है। मान्यता है कि, इसी स्थान पर माता पार्वती का कर्णफूल यानी कि कान की बाली गिरी थी इसलिए यह जगह कर्णफूल कहलाई। यह धार्मिक स्थान हिंदुओं और सिक्खों का प्रमुख तीर्थस्थल भी है।
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