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आखिर नवरात्रि में क्यों जलाते हैं अखंड ज्योति? जान लें इसका महत्व और नियम, वरना उठाना पड़ सकता है भारी नुक्सान

Chaitra Navratri 2023
Chaitra Navratri 2023

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चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पड़वा) तिथि को नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 यानी आज से प्रारंभ हो चुकी है और इसके साथ ही आज से हिंदू नव संवत्सर 2080 की भी शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा उपासना की जाती है।
Chaitra Navratri 2023
Chaitra Navratri 2023
हर साल नवरात्रि पर माता रानी का आगमन विशेष वाहन पर होता है, जिसका महत्व बेहद खास होता है। इस साल माता रानी नौका में सवार होकर आई हैं। नवरात्रि में माँ दुर्गा के सामने अखंड ज्योति प्रज्जवलित की जाती है। आपको बता दें कि, नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति के कुछ नियम भी होते हैं। अगर उन नियमों का सही ढंग से पालन किया जाए तो माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।
अखंड ज्योति का महत्व –
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घरों में कलश स्थापना के बाद अखंड ज्योति प्रज्जवलित की जाती है। अखंड ज्योति का मतलब है ऐसी ज्योति जो खंडित ना हो। अखंड ज्योति से ही घर में खुशहाली आती है और माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। नवरात्रि में अखंड ज्योति का बुझना अशुभ होता है। समय-समय पर दीपक में घी या तेल डालना होता है और उसे हवा से बचाकर रखना होता है।
अखंड ज्योति के नियम –
नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का पहला नियम यह है कि ज्योति की देखरेख के लिए कोई ना कोई उसके पास हमेशा जरूर होना चाहिए। ज्योति प्रज्वलित का मतलब होता है कि, नौ दिन माँ आपके घर में विराजमान हैं और अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने से पहले माँ की आराधना करें। ज्योति प्रज्जवलित करने के लिए कलश या फिर चौकी का प्रयोग कर सकते हैं।
अगर आप चौकी पर ज्योति प्रज्जवलित कर रहे हैं तो उस पर लाल कपड़ा बिछाएं और अगर कलश के ऊपर ज्योति प्रज्जवलित कर रहे हैं तो उसके नीचे गेहूं रखें। अखंड ज्योति की ज्योत को रक्षासूत्र से बनाना सही माना जाता है। ज्योत जलाने के लिए घी, सरसों या तिल के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। अखंड ज्योति को माँ दुर्गा के दाईं ओर रखना चाहिए। बताया जाता है कि, अगर दीप में सरसों का तेल डाला गया है तो उसे बाईं ओर रखना चाहिए।
अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने से पहले भगवान श्रीगणेश, माँ दुर्गा की आराधना करें और माँ दुर्गा मंत्र ‘ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते’ का जाप करें। अखंड ज्योति को हवा से बचाकर रखें और ध्यान रखें कि अखंड ज्योति नौ दिन तक किसी भी हालत में ज्योति बुझना नहीं चाहिए। जैसे ही दीपक में घी या तेल कम हो तुरंत डाल दें। नौ दिन बाद दीपक को बुझाएं नहीं बल्कि उसे खुद ही बुझने दें। अगर इस नियम से आप घर में अखंड ज्योत जलाते हैं तो माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में खुशहाली आती है।
हैप्पी नवरात्रि!

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