पिछले साल 8 सितंबर को क्वीन एलिजाबेथ का 96 साल की उम्र में निधन होने के बाद उनके बेटे चार्ल्स को ब्रिटेन का महाराज घोषित किया गया था। लेकिन तब उनकी ताजपोशी नहीं हुई थी। एलिजाबेथ को भी उनके पिता किंग एल्बर्ट की मौत के बाद महारानी घोषित कर 16 महीने बाद जून 1953 में ताज पहनाया गया था।
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ब्रिटिश शाही परिवार में 70 साल बाद इस समारोह का भव्य आयोजन हो रहा है। ब्रिटेन के किंग चार्ल्स III और क्वीन कैमिला की शनिवार को वेस्टमिंस्टर ऐबे चर्च में दोपहर 3:30 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) ताजपोशी होगी। इससे पहले जब 1953 में क्वीन एलिजाबेथ की ताजपोशी हुई थी। तब चार्ल्स की उम्र 4 साल थी। अब किंग चार्ल्स 74 साल के हो चुके हैं।
राज्याभिषेक के इस आयोजन के लिए सहपरिवार ने 6 मई की तारीख घोषित की थी जो चर्चा का एक मुख्य विषय है। सवाल यह है कि, आखिर इस भव्य आयोजन के लिए यही तारीख क्यों चुनी गई। तो आपको बताते चले कि, इसका कनेक्शन भी शाही परिवार से ही है। इसके दो बड़े कारण साफतौर पर समझ आते हैं।
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पहली वजह – 6 मई को चार्ल्स के पोते आर्ची हरीसन का जन्मदिन होता है। आर्ची प्रिंस हैरी और मेगान मार्केल के बेटे हैं और उनका जन्म 6 मई 2019 को हुआ था। ताजपोशी की तारीख के पीछे यह भी एक कनेक्शन सामने आ रहा है।
दूसरी वजह – वहीँ इस तारीख का कनेक्शन सिर्फ आर्ची हरीसन तक ही सीमित नहीं है। इसकी दूसरी वजह है, किंग एडवर्ड VII का निधन भी 6 मई, 1910 को बकिंघम पैलेस में हुआ था। किंग एडवर्ड VII 1901 से 1910 तक ब्रिटेन के राजा रहे और उनके शासनकाल को एडवर्डियन युग भी कहा जाता है। यही वजह रही है कि, राज्याभिषेक के लिए चुनी गई तारीख शाही परिवार के लिए बेहद खास है।
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