संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा मोबाइल उपयोग करने वालों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दो नए सुधार किए गए हैं। स्वच्छ और सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय की और से यह एक बड़ी पहल है।
अब उपभोक्ताओं को सिम की अदला-बदली पर नए सिरे से KYC करवाना होगा और इसके अलावा अंगूठे, आंखों की पुतली और चेहरे की पहचान पर आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की भी अनुमति होगी। वहीँ, व्यावसायिक कनेक्शन के लिए उपयोग करने वालों को KYC पूरी करनी होगी। लाइसेंस धारक द्वारा पाइंट-आफ-सेल का पंजीकरण करना होगा, जबकि धोखाधड़ी वाले POC को तीन साल के लिये काली सूची (BLACK LIST) में डाल जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक POC के साथ ही फ्रेंजाइजी, एजेंट और वितरकों का निर्विवादित सत्यापन भी होगा।
52 लाख कनेक्शन बंद –
विभाग ने इस पहल के तहत संचार साथी से 52 लाख संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन बंद किए हैं। इसी संचार साथी से 3 लाख से अधिक मोबाइल हैंडसेट का पता लगाया गया है। केंद्रीय दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को उपभोक्ता सुरक्षा को बेहतर बनाने और डिजिटल बदलाव की दिशा में दो सुधारों की शुरुआत की है। मंत्री ने KYC रिपार्म और पांइट ऑफ सेल (POC) पंजीकरण सुधार की शुरुआत का एलान किया है।
आईटी मंत्री ने कहा – “एक नागरिक केंद्रीय पोर्टल शुरू किया गया है। इसमें साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने का प्रयास होगा। पाइंट आफ सेल (POC) पंजीकरण सुधार के तहत लाइसेंस धारक द्वारा फ्रेंजाइजी, एजेंट और वितरकों (POC) के अनिवार्य पंजीकरण की शुरुआत की गई है। जिससे ठगी करने वाले POC हटाने में मदद मिलेगी।”
अवैध गतिविधियां होंगी बंद –
POC पंजीकरण प्रक्रिया में लाइसेंसधारक द्वारा POC का सत्यापन शामिल होगा। इस प्रक्रिया के जरिए POC और लाइसेंसधारक के बीच लिखित समझौता अनिवार्य बना दिया गया है। जिससे कोई भी POC यदि किसी अवैध गतिविधि में लिप्त होता है तो उसे तुरंत बंद कर दिया जायेगा और तीन वर्ष के लिए काली सूची में डाल दिए जाएंगे। इस प्रक्रिया में लाइसेंसधारक द्वारा सभी मौजूदा POC को 12 माह में पंजीकृत कराया जायेगा।
जबकि KYC सुधार यानी ग्राहक की अलग तरीके से पहचान करता है। उसे दूरसंचार सेवाएं देने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेता है। मौजूदा KYC प्रक्रिया को और मजबूत बनाकर ग्राहकों को किसी भी संभावित धोखाधड़ी से बचाने के साथ कही आम जनता का विश्वास और मजबूत करने का प्रयास होगा। प्रिंट किये आधार के दुरूपयोग को रोकने के लिये भी प्रिंट आधार के QR कोड की स्कैनिंग कर डीटेल लिए जाएंगे।
इसमें यदि मोबाइल नंबर बंद कर दिया जाता है तो इसे 90 दिन के अंदर किसी नए ग्राहक को आवंटित नहीं किया जाएगा। ग्राहक को अपने सिम को बदलने के लिए पूरा KYC डीटेल देना होगा और उसमें आउटगोइंग और इनकमिंग MMS सुविधा पर 24 घंटे की रोक होगी। आधार E-KYC प्रक्रिया में अंगूठे के निशान, आंखों की पुतली और चेहरे की पहचान पर आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की भी मंजूरी दी गई है।