केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में भारत में हिम तेंदुओं (Snow Leopard) पर एक रिपोर्ट जारी की। भारत में हिम तेंदुए की आबादी का आकलन पहली बार किया जा रहा है और इसके मुताबिक, “भारत में 718 हिम तेंदुए हैं।”
भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) हिम तेंदुए की आबादी का आकलन करने वाली मुख्य संस्था है। सभी हिम तेंदुआ रेंज वाले राज्यों और दो संरक्षण भागीदारों- नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन, मैसूर और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के सहयोग से आबादी की गणना की गई। ये 9,800 से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर पाए जाते हैं।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों सहित ट्रांस-हिमालयी इलाके में लगभग 1,20,000 किलोमीटर क्षेत्र में तेंदुओं की गिनती की गई। यह गिनती 2019 से 2023 के बीच 2 चरणों में पूरी की गई है।
पहले चरण में हिम तेंदुए के हैबिटैट का मूल्यांकन किया गया और उनके निवास स्थान पर सहवास का विश्लेषण किया गया। वहीँ, दूसरे चरण में, प्रत्येक चिन्हित स्तरीकृत क्षेत्र में कैमरा ट्रैप का इस्तेमाल करके हिम तेंदुओं की बहुतायत का अनुमान लगाया गया।
इनको रिकॉर्ड करने के लिए 13,450 km का सर्वेक्षण किया गया। 1.80 लाख ट्रैप रातों के लिए 1,971 स्थानों पर कैमरा ट्रैप लगाए गए। साथ ही हिम तेंदुए का निवास 93,392 वर्ग km क्षेत्र है। इनकी अनुमानित उपस्थिति 100,841 वर्ग km क्षेत्र में पाई गई है।
कुल 241 अद्वितीय हिम तेंदुओं की तस्वीरें खींची गईं। डेटा विश्लेषण के आधार पर, विभिन्न राज्यों में इनकी अनुमानित संख्या इस प्रकार है – “लद्दाख (477), उत्तराखंड (124), हिमाचल प्रदेश (51), अरुणाचल प्रदेश (36), सिक्किम (21), और जम्मू तथा कश्मीर (9)”
फ़िलहाल, हिम तेंदुओं की प्रजाति खतरे में है। इसलिए कभी भी इनका व्यापक राष्ट्रव्यापी मूल्यांकन नहीं किया गया। इनके रेंज, संख्या आदि की जानकारी सही और सटीक नहीं थी। 2016 से पहले, इनके पूरे रेंज का एक तिहाई (लगभग 100,347 वर्ग km) क्षेत्र पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और लद्दाख, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे इलाकों में घटकर केवल 5 प्रतिशत रह गया था।
हाल के स्थिति सर्वेक्षणों में 2016 में 56 प्रतिशत की तुलना में 80 प्रतिशत रेंज (लगभग 79,745 वर्ग किलोमीटर) को लेकर प्रारंभिक जानकारी मिलती है। हिम तेंदुए की संख्या पर ठोस जानकारी इकट्ठा करने के लिए, वैज्ञानिकों ने कैमरे के एक बड़े नेटवर्क का उपयोग करके हिम तेंदुओं के आवासों का सर्वेक्षण किया।
इस स्थिति रिपोर्ट में बताया गया है कि, “पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत WII में एक समर्पित हिम तेंदुआ प्रकोष्ठ स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसका मुख्य उद्देश्य हिम तेंदुओं की दीर्घकालिक आबादी पर निगरानी करना होगा। ये नियमित मूल्यांकन चुनौतियों की पहचान करने, खतरों से निपटने और प्रभावी संरक्षण रणनीतियों को तैयार करने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे।