Maharashtra CM: महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे आए को पूरे 10 दिन हो चुके हैं लेकिन नई सरकार का कोई अता-पता नहीं है। अकेले भाजपा को 288 के सदन में 132 सीटें मिली हैं। यानी बहुमत से सिर्फ 13 सीटें कम लेकिन उसके गठबंधन को तीन चौथाई से ज्यादा का बहुमत हासिल हुआ है।
भाजपा की दोनों सहयोगी पार्टियां शिव सेना और एनसीपी घोषित तौर पर कह चुकी है कि मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा और वह जिसे चाहे मुख्यमंत्री बनाए। यानी कहीं कोई समस्या नहीं है। इसके बावजूद भाजपा में उसका सर्वशक्तिमान नेतृत्व अभी तक मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं कर पाया है या यूं कहें कि उसे महाराष्ट्र के लिए अभी तक कोई ‘भजनलाल शर्मा’ या ‘मोहन यादव’ नहीं मिला है।
उधर महाराष्ट्र की पिछली विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को ही खत्म हो चुका है लेकिन राज्य को अभी तक नई सरकार नहीं मिली है और न ही राष्ट्रपति शासन लगा है। एकनाथ शिंदे कामचलाऊ मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
अगर विपक्षी गठबंधन को बहुमत मिला होता और उसने 26 नवंबर तक अपने मुख्यमंत्री का चुनाव नहीं किया होता और सरकार नहीं बनाई होती तो राज्यपाल की ओर से संवैधानिक प्रावधान का हवाला देकर राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की जा चुकी होती। केंद्र सरकार भी उस सिफारिश को फौरन स्वीकार कर राष्ट्रपति शासन लगा देती और सरकार का पालतू मीडिया विपक्षी गठबंधन में मतभेदों की नई-नई मनोहर कहानियां सुना रहा होता।
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