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राजा रघुवंशी हत्याकांड: सोनम की चालें, फर्जी कंपनी, करंट अकाउंट और हत्या की साजिश की परतें खुलीं

इंदौर।
राजा रघुवंशी हत्याकांड में रोज़ नए खुलासे सामने आ रहे हैं। मेघालय पुलिस और एसआईटी की जांच में सामने आया है कि आरोपी सोनम रघुवंशी न केवल हत्या की साजिश में शामिल थी, बल्कि उसने अपनी मां के नाम पर एक फर्जी कंपनी रजिस्टर कराई थी, जिसका करंट अकाउंट खोलकर वह खुद वित्तीय लेन-देन कर रही थी। उस खाते में वर्तमान में दो लाख रुपये से अधिक की राशि जमा है।

राजा के परिजनों का आरोप है कि सोनम की मां को भी इस पूरी साजिश की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को बचाने के लिए चुप्पी साध ली। मामले में सोनम की एक महिला सहेली का नाम भी सामने आया है, जिसे लेकर परिजन पुलिस से पूछताछ की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने अब इस दिशा में जांच तेज कर दी है।


पिजनेस के बहाने फंसाया राज?

पुलिस जांच में सामने आया है कि सोनम शुरुआत में गोविंदा के प्लाईवुड कारोबार में सहयोग कर रही थी। बाद में उसने “वियाला” नाम से एक नया व्यापार शुरू किया, जिसमें राजा रघुवंशी ने पूरी ईमानदारी से सहयोग किया। इसी व्यावसायिक रिश्ते ने सोनम और राजा को करीब लाया।

दो महीने पहले सोनम ने एक नया ऑफिस खोला, जिसमें सात स्टाफ रखे गए, जिनमें ज़्यादातर युवतियां थीं। दावा किया गया था कि ऑफिस में शेयर ट्रेडिंग होती है, लेकिन असल में वहां “वियाला” ब्रांड के माध्यम से नेटवर्किंग बिजनेस चलाया जा रहा था। पुलिस ने इस ऑफिस की भी जांच शुरू कर दी है।


सोनम की गाज़ीपुर यात्रा बनी रहस्य

हत्या के बाद सोनम किसके साथ गाज़ीपुर पहुंची, यह अभी भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। एक टैक्सी ड्राइवर प्रमोद साहा उर्फ पीयूष ने पुलिस को बताया कि वह सोनम को देवास नाका से लेकर गाज़ीपुर तक गया था और इसके लिए उसे राज कुशवाहा ने 30,000 रुपये दिए थे।

हालांकि, इससे अलग उजाला यादव नामक युवती ने दावा किया था कि उसने सोनम के साथ वाराणसी से गाज़ीपुर तक रोडवेज बस में यात्रा की थी। ऐसे में अब पुलिस के सामने यह चुनौती है कि आखिर सच कौन बोल रहा है?


पिस्टल और नकदी से भरे बैग की तलाश

मेघालय पुलिस के अनुसार, सोनम ने राजा रघुवंशी की हत्या की योजना राज कुशवाहा के साथ मिलकर बनाई थी। इसके लिए सोनम ने राज को 5 लाख रुपये से भरा एक बैग और एक पिस्टल सौंपी थी। अब पुलिस उसी पिस्टल और बैग की तलाश में जुटी है।

सूत्रों के मुताबिक, वह पिस्टल खुद राजा रघुवंशी की थी, जो सोनम के पास रह गई थी। एसआईटी का मानना है कि हत्या के लिए पहले इसी पिस्टल का इस्तेमाल करने की योजना थी, लेकिन हायर किए गए शूटरों ने “डाव” (धारदार हथियार) का सुझाव दिया। अंततः राजा की हत्या उसी से की गई।


मामला बनता जा रहा है संगठित साजिश का

इन तमाम घटनाओं से साफ हो रहा है कि राजा रघुवंशी की हत्या कोई तात्कालिक झगड़े का परिणाम नहीं थी, बल्कि इसे एक संगठित साजिश के तहत अंजाम दिया गया। इसमें सोनम, उसका प्रेमी राज कुशवाहा, उसकी मां और संभवतः कुछ अन्य सहयोगी भी शामिल थे।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एसआईटी इन सबूतों को अदालत में किस प्रकार पेश करती है, और क्या सोनम के खिलाफ साजिश, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और हत्या की धाराएं साबित हो पाती हैं या नहीं।

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