संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 146 सांसद सस्पेंड किए गए थे। जिसमे राज्यसभा से 46 सांसद निलंबित हुए थे और इनमें 35 सिर्फ एक सत्र के लिए सस्पेंड हुए थे। वहीं, 11 सांसदों के सस्पेंशन मामला प्रिविलेज कमेटी को भेज दिया गया था।
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डिप्टी चेयरमैन हरिवंश की अध्यक्षता में राज्यसभा प्रिविलेज कमेटी की आज बैठक होगी। अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित हुए 11 सांसदों को उनकी बात रखने का मौका मिलेगा और इसके बाद पैनल सदन को रिपोर्ट भेजेगी, जिसके आधार पर सदन तय करेगा कि, “सांसदों का निलंबन जारी रहेगा या खत्म होगा।”
ये रहे 11 सांसदों के नाम –
राज्यसभा में असभ्य व्यवहार करने पर जिन 11 सांसदों का मामला प्रिविलेज कमेटी के पास भेजा गया है। उनके नाम हैं- कांग्रेस से जेबी माथेर हिशाम, एल हनुमंथैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी सी चन्द्रशेखर, CPI से बिनय विश्वम और संतोष कुमार पी, DMK के एम मोहम्मद अब्दुल्ला और CPI (M) के जॉन ब्रिट्टास और ए ए रहीम।
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आजादी के बाद पहली बार इतने सांसद निलंबित –
संसद सुरक्षा चूक पर विपक्षी सांसद PM मोदी और अमित शाह से बयान देने की मांग रहे थे। हंगामे के चलते शीतकालीन सत्र के दौरान 14 से 21 दिसंबर तक लोकसभा और राज्यसभा से 146 सांसद सस्पेंड हुए। इसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के 61 सांसद (लोकसभा से 44, राज्यसभा से 17) हैं।
18 दिसंबर को कुल 78 सांसदों (लोकसभा-33, राज्यसभा-45) को निलंबित किया गया था। आजादी के बाद पहली बार एक ही दिन में इतने सांसद एक साथ निलंबित किए गए हैं। इससे पहले 1989 में राजीव सरकार में 63 सांसद निलंबित किए गए थे। पिछले हफ्ते भी 14 सांसदों को निलंबित किया गया था।
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