इंदौर क्राइम ब्रांच ने प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) के लेटर पर असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर की पोस्ट पर नौकरी पाने वाले दीपक अवस्थी को गिरफ्तार किया हैं। दीपक के पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में SI के पद से रिटायर्ड अफसर हैं। आरोपी अपने पिता की तरह पुलिस अफसर बनने की चाह रखता था। लेकिन बन नहीं पाया तो नौकरी की तलाश में जुट गया।
PMO के फर्जी लेटर से नौकरी पाने के मामले में दो बड़ी जांच एजेंसिया पूछताछ भी कर चुकी हैं। हालांकि पूछताछ में उसने कुछ नहीं कबूला और आखिर में क्राइम ब्रांच ने टेक्निकल डेटा और CCTV फुटेज के जरिए सबूत जुटाकर आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया और इंदौर लेकर आई। जहाँ पूछताछ में वह टूट गया और उसने खुद ही फर्जी लेटर बनाने की बात कबूल ली।
पूछताछ में दीपक अवस्थी ने बताया कि, 2013 में उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान उसने 30 हजार रुपए प्रधानमंत्री सहायता कोष में दान किए थे। इसके चलते उसे PMO से एक प्रशंसा पत्र मिला था। इसी प्रशंसा पत्र को एडिट कर नौकरी के सिफारिशी लेटर में बदल दिया और डाक देने के लिए पिता की वर्दी पहनकर खुद ही इंदौर स्थित अवंतिका गैस के ऑफिस पहुंचा था। क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक, “वर्दी की जब्ती के लिए क्राइम ब्रांच की टीम दीपक अवस्थी को लेकर उत्तर प्रदेश जाएगी।”
दिल्ली की इंद्रप्रस्थ गैस एजेंसी में काम करता है आरोपी –
दीपक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। पिता उसे भी अपनी तरह अफसर बनाना चाहते थे। लेकिन ग्रेजुएशन के बाद वह ठीक से तैयारी नहीं कर पाया। इसके चलते उसे नौकरी नहीं मिली तो वह इंद्रप्रस्थ गैस एजेंसी दिल्ली में काम करने लगा। यहां से लंबी छुट्टी लेकर घर आया और अवंतिका गैस एजेंसी में नौकरी की तलाश करने लगा। लेकिन सफल नहीं हो पाया। उसे पता चला कि, किसी बड़े अफसर या नेता के लेटर पर उसे नौकरी मिल सकती है। इसके चलते उसने फर्जी लेटर बनाने का तरीका अपनाया।