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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन

Dr. Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर 2024) को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

Dr. Manmohan Singh
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सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था, जहां रात 8 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है। गृह मंत्रालय ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, और कोई भी आधिकारिक समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे।

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अंतिम संस्कार की तैयारियां

डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार (28 दिसंबर) को सुबह 10 बजे के बाद राजघाट पर किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जहां बड़े नेताओं और आम जनता को उन्हें श्रद्धांजलि देने का अवसर मिलेगा।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का प्रधानमंत्री के रूप में आखिरी भाषण

नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन को देश की अपूरणीय क्षति बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उनके आवास पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन किए और उनको श्रद्धांजलि दी। वहीँ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व वित्त मंत्री, डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भारत रत्न की मांग

आम आदमी पार्टी ने डॉ. मनमोहन सिंह को भारत रत्न देने की मांग का समर्थन किया। पार्टी ने कहा कि उनका योगदान देश के आर्थिक विकास और नीति निर्माण में ऐतिहासिक रहा है।

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के साथ डॉ. मनमोहन सिंह
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के साथ डॉ. मनमोहन सिंह

डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत

डॉ. सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे अपनी सादगी और बौद्धिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। 1991 में वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाला और उदारीकरण की नींव रखी। उनकी विदाई न केवल एक युग का अंत है, बल्कि देश के लिए एक बड़ी क्षति भी है। उनके नेतृत्व और नीतियों को देश हमेशा याद रखेगा।

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