मध्यप्रदेश में दूसरे दिन भी ट्रक-बस ड्राइवर्स की हड़ताल का असर जरूरी सेवाओं पर दिख रहा है। इसके चलते मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को हड़ताल खत्म कराने के निर्देश दिए हैं। दो याचिकाओं पर मंगलवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा कि – ”हड़ताल को तुरंत खत्म करवाया जाए। सरकार परिवहन बहाल करवाए।”
इस पर सरकार की तरफ से महधिवक्ता ने कहा, ‘आज शाम तक इस मामले में अहम निर्णय लिया जा रहा है।’ ये याचिकाएं नागरिक उपभोक्ता मंच और अखिलेश त्रिपाठी की ओर से दायर की गई हैं। ड्राइवर्स की हड़ताल के चलते भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित अन्य जिलों में दूध से लेकर सब्जी और किराना सप्लाई कम हुई है और ज्यादातर शहरों में सब्जियां महंगी हो गईं हैं।
इस हड़ताल के चलते स्कूल-कॉलेज बसें भी बंद हैं और खरगोन में पुलिस और प्रर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। बुरहानपुर में हड़ताल कर रहे ड्राइवरों ने दूसरे वाहन चालकों को जूते-चप्पलों की माला पहनाने के प्रयास किए। कई वाहनों की हवा निकाल दी। आपको बता दें कि, ड्राइवर उस हिट एंड रन से जुड़े कानून का विरोध कर रहे हैं, जिसमें 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
इंदौर में पुलिस के पहरे में भेजे गए 17 टैंकर –
खंडवा में चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं पेट्रोलियम एसोसिएशन ने सोमवार रात सांसद, कलेक्टर और एसपी को पेट्रोल-डीजल की किल्लत से अवगत कराया था। उन्होंने बताया कि, ड्राइवरों की हड़ताल अभी नहीं थमेगी। जिसके बाद खंडवा से 17 खाली गाड़ियां इंदौर के मांगलिया डिपो भेजी गई। मंगलवार सुबह सभी गाड़ियां पुलिस बल के संरक्षण में खंडवा के लिए रवाना हो गई हैं। इसी तरह बुरहानपुर भी 15 टैंकर भेजे गए हैं।