Indore News: महिला बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे भिक्षुक मुक्त अभियान के तहत 26 दिसंबर को एक और सफलता मिली। महिला बाल विकास अधिकारी दिनेश मिश्रा की टीम ने हाई कोर्ट के पास स्थित मस्जिद के समीप एक महिला को भिक्षावृत्ति करते हुए पकड़ा। जब रेस्क्यू दल ने महिला की जांच की, तो वे हैरान रह गए। महिला के बैग में 30 से 40 अलग-अलग पर्स रखे हुए थे, जिनमें से कुल 45,000 रुपए की राशि बरामद हुई।
यह महिला मस्जिदों के पास लगातार भिक्षावृत्ति करती थी, और इस रकम का इकट्ठा करना साबित करता है कि भिक्षावृत्ति अब केवल एक मजबूरी नहीं, बल्कि लालच का कारोबार बन चुकी है। महिला बाल विकास विभाग की टीम ने महिला से संबंधित और जानकारी प्राप्त करने के लिए जांच शुरू कर दी है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा अब तक चलाए जा रहे भिक्षुक मुक्त अभियान के तहत 300 से 400 भिक्षुकों को रेस्क्यू कर सेवा धाम उज्जैन में स्थानांतरित किया जा चुका है। कलेक्टर ने स्पष्ट घोषणा की है कि भिक्षा मांगने और देने दोनों मामलों में FIR दर्ज की जाएगी, और इंदौर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर घोषित किया जाएगा। महिला बाल विकास विभाग के दल लगातार इस अभियान को चलाकर भिक्षावृत्ति की समस्या का समाधान करने के प्रयास में जुटे हुए है।
युग पुरुष आश्रम की मान्यता निरस्त
इंदौर के युग पुरुष आश्रम की मान्यता कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर निरस्त कर दी गई है। यह कार्रवाई आश्रम में अनियमितताओं और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतों के बाद की गई। 6 महीने पहले 10 बच्चों की मौत हुई थी मौत, 86 दिव्यांगों को उज्जैन किया गया शिफ्ट बताया गया कि केंद्र सरकार से फंड नहीं मिलने के कारण आश्रम बंद कर दिए गए। कलेक्टर ने बताया कि, आश्रम को नोटिस देने के बाद मान्यता भी रद्द कर दी गई है। कलेक्टर ने आश्रम के बच्चों को सेवा धाम आश्रम में स्थानांतरित करने का आदेश दिया।
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