इंदौर में नशा मुक्ति अभियान के बावजूद, नाइट कलर के नाम पर युवकों द्वारा शराब पीकर उत्पात मचाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा नशा मुक्त इंदौर का सपना अभी भी अधूरा ही दिखाई दे रहा है। शहर में गुपचुप तरीके से बार और ढाबों पर देर रात तक शराब परोसी जा रही है, जहां युवक-युवतियां नशे में धुत होकर पबों में विवाद करते हुए नजर आते हैं। प्रशासन लाख कोशिशों के बावजूद इस पर शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रहा है।
हाल ही में इंदौर के कनाड़िया थाना क्षेत्र में एक नशे की हालत में हुए विवाद ने गंभीर मोड़ ले लिया। कनाड़िया क्षेत्र के केव पब एंड बार में एक पुराने विवाद को लेकर चार युवकों ने ईशान पिता मुकेश गुप्ता निवासी अग्रवाल नगर के साथ जमकर मारपीट की। ईशान अपने दोस्त के साथ पब में आया था, तभी रितिक और अभिषेक समेत चार लोगों ने उस पर हमला कर दिया। मारपीट के दौरान, ईशान के सिर पर बोतल से वार किया गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी दबंग प्रवृत्ति के हैं और ईशान पर शिकायत न करने के लिए दबाव बना रहे हैं। इस घटना ने फिर से शहर में नशे के बढ़ते प्रभाव और प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। इंदौर में कई पब और बार रातभर खुले रहते हैं और शराब परोसते हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। नशा मुक्त इंदौर का सपना अब भी वास्तविकता से कोसों दूर नजर आ रहा है। प्रशासन की सख्ती और कार्रवाई की जरूरत स्पष्ट है, ताकि शहर के युवाओं को नशे की लत से बचाया जा सके।