भगवन राम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। जिसके लिए मंदिर में विराजित होने वाली रामलला की नई प्रतिमा तय हो गई है। मंगलवार यानी आज से प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े अनुष्ठान भी शुरू हो रहे हैं, जो 21 जनवरी तक चलेंगे। थोड़ी देर में भगवान रामलला की मूर्ति के निर्माण स्थल पर कर्मकुटी पूजा शुरू होने वाली है।

इससे पहले राम जन्मभूमि परिसर में साफ सफाई की गई। जिसमे राम मंदिर को भी सरयू जल से धोया गया है और फिर 108 फ़ीट की अगरबत्ती जला कर पुरे प्रांगण को सुंगंधित किया गया। यह अगरबत्ती गुजरात से बनकर आयी हैं। जिसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महन्त नृत्यगोपाल दास जी महाराज के सानिध्य में जला कर भगवान को अर्पित किया गया। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया हैं।
PM मोदी नहीं होंगे प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान –
उधर, अभी तक इस तरह की खबरें थीं कि, PM नरेंद्र मोदी प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान मुख्य यजमान हो सकते हैं, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित और रामानंद संप्रदाय के श्रीमठ ट्रस्ट के महामंत्री स्वामी रामविनय दास ने दावा किया है कि, PM मोदी इस कार्यक्रम के मुख्य यजमान नहीं होंगे।

उनकी जगह श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी मुख्य यजमान होंगी। ये दोनों ही संकल्प, प्रायश्चित और गणेश पूजा कर 7 दिवसीय अनुष्ठान की यजमानी करेंगे। साथ ही प्राण-प्रतिष्ठा में भी मौजूद रहेंगे।
स्वामी रामविनय दास के मुताबिक, रामलला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मुख्य यजमान गृहस्थ ही हो सकते हैं। इसीलिए ऐसा निर्णय लिया गया है। PM मोदी को प्रतीकात्मक यजमान माना जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी गर्भगृह में अपने हाथ से कुशा और श्लाका खींचेंगे। उसके बाद रामलला प्राण प्रतिष्ठित हो जाएंगे।
