इंदौर में हैंडलिंग एग्जाम स्ट्रेस पर क्रिएट स्टोरीज सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा श्री अयप्पा पब्लिक स्कूल में मोटिवेशनल स्पीकर एवं स्प्रिचुअल गाइड देवयानी हाड़ा ने बच्चो से परिचर्चा की। इस खास मौके पर प्राचार्य सुनंदा यादव संस्था के इंटर्नस अलीना कुरेशी , अदिति सोने, पूजा तिवारी , मुस्कान रत्नाकर , माही अग्रवाल आदि मौजूद थे।
देवयानी हाड़ा ने बताया की एक सबसे महत्वपूर्ण बात पैरेंट्स के लिए है की वे घर पर भी कंपेरिजन न करें बच्चो में , ये एक अनहेल्थी कॉम्पिटिशन पैदा करता है और एग्जाम के अलावा भी लंबे समय में रिश्तों के लिए भी खतरनाक हो जाता है।
पेरेंट्स को समझना चाहिए की परीक्षा उनके बच्चों की साल भर की मेहनत का प्रूफ नहीं है और यही बात उन्हें बच्चों को समझानी होगी। अच्छे मार्क्स का मतलब जॉब और अच्छी ज़िन्दगी नहीं होती । पेरेंट्स बच्चो को किसी से क्म्पेयर ना करे। बच्चो को बार बार टोकना बंद करे। बच्चो को टोकने की बजाये उनके अच्छे मित्र बन उनकी परेशानी को समझे एवं बच्चो को सपोर्ट करें ।
फेलियर एक्सेप्ट करना भी बच्चो को सिखाएं बच्चो को समझाए की फेलियर मतलब है की आपने कोशिश करी है यानी हिम्मत है आपमें एवं रिस्क लेने की क्षमता है। फेलियर का मतलब “द एंड “ नही होता , सिर्फ एक स्पीड ब्रेकर होता है जिसको आप शांत और पॉजिटिव रहकर और खुद पर भरोसा रखकर पार कर सकते है ।
परीक्षार्थियों के लिए जरूरी है कि परीक्षा देने से पहले दिल और दिमाग दोनों शांत रहें। इसके लिए खुश रहना जरूरी है। एग्जाम के दिन ऐसा कोई काम जरूर करें जो आपको खुशी दे। आप अपनी पसंद या शौक का कोई भी छोटा-मोटा काम कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए अगर आपको गाने सुनना पसंद है तो आप सुबह उठकर धीमी आवाज में कुछ देर तक गाने सुन सकते हैं। हालांकि ये ज्यादा मात्रा में न हो सिर्फ उतना ही जितना आपका मन शांत हो सके। अगर मन खुश होता है तो कठिन चीज भी सरल लगने लगती है।
एग्जाम के दिन सुबह नींद से जागकर थोड़ा मेडिटेशन जरूर करें। मेडिटेशन करने से दिमाग शांत रहता है। बाहरी कोई प्रेशर दिमाग को परेशान नहीं करता। मेडिटेशन करने से एग्जाम से थोड़ी देर पहले की टेंशन से निजात पाया जा सकता है।
टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें, क्योंकि काफी बार ऐसा होता है की परीक्षा में हम तीन घंटे के पेपर में एक डेढ़ घंटे तो आसानी से लिख लेते है लेकिन उसके बाद हमारी राइटिंग स्पीड गिरने लगती है , इसके लिए परीक्षा के तक़रीबन आधे महीने पहले से अपनी दिनचर्या ऐसी बनाइये जो एग्जाम में हो जैसे उस वक्त ज़रूर लिखे जब एग्जाम टाइम में लिखने का समय हो , उठने , सोने और खाने की दिनचर्या भी उसी हिसाब से बनायें। मेडिटेशन के बारे में उन्होंने बताया की अपनी उम्र को आधा करें और उतने मिनट मेडिटेट करें जैसे की 14 साल उम्र है तो 7 मिनट मेडिटेट करें।
कुछ टिप्स –
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इम मैनेजमेंट का ध्यान दें ,
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नींद पूरी करें ,
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खुद को हाइड्रेटेड रखे ,
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अपनी हॉबी को भी समय दें ,
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परिवार से बात करें ,
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मेडिटेशन करें ,
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वॉक करके आएं ,
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स्क्रीन टाइम काफी कम करें एवं एग्जाम का बहुत ज्यादा स्ट्रेस भी न लें और स्ट्रेस न ही ले ऐसा भी करें क्योंकि सफलता पाने के लिए स्ट्रेस भी जरूरी है बस उसको अंडर या ओवर न होने दें ।