सूर्य ग्रहण के बाद अब वैशाख मास की पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, यह चंद्र ग्रहण 5 मई के दिन शुक्रवार को लगेगा। ज्योतिषविद के अनुसार, चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा और यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
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क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण?
5 मई को लगने वाला ग्रहण वास्तव में एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। हर चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपच्छाया में प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य (Penumbra) कहा जाता है और अक्सर चंद्रमा धरती की उपच्छाया में प्रवेश कर वहीं से बाहर निकल जाता है। जिससे उसका स्वरूप धुंधला सा दिखाई देने लगता है, इसे ही उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण को धार्मिक महत्व नहीं दिया गया है, इसलिए इसमें सूतक काल भी मान्य नहीं होता है।
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