Search
Close this search box.

BREAKING NEWS

“धर्मा प्रोडक्शन” की फ़िल्म के लिए मुंबई की सुप्रसिद्ध कास्टिंग एजेंसी ‘जोगी फ़िल्म कास्टिंग’ इन्दौर में करेगी ऑडिशनमुख्यमंत्री डॉ यादव ने दिखायी संवेदनशीलता, काफिला रुकवाकर पीड़िता की सुनी समस्यामप्र के सबसे बड़े बिना कर के विकास बजट पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को मंत्री राकेश शुक्ला ने दिया धन्यवाद……मध्यप्रदेश का धार्मिक मुख्यालय उज्जैन होगाअनाथ आश्रम में हो रहे घोर अनियमितताओं और गंभीर आरोपों की जांच की मांग: कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव ने उठाए कई सवालGolden Temple में लगे खालिस्तानी नारे.इंदौर में नोटा के नंबर 1 आने पर कांग्रेस ने केक काटकर मनाया जश्न .सलमान खान पर हमले की नाकाम साजिश.कीर्तन कर पहुंचे वोट डालने.सेना के जवानों ने डाला वोट.

मिस्र में मिली 28 इंच की हैं बुद्ध प्रतिमा, संस्कृत में लिखा शिलालेख खोलेगा भारत से जुड़े कई राज, दूसरी शताब्दी की मूर्ति बता रहे खोजकर्ता

Egypt's Buddha Statue
Egypt's Buddha Statue

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

मिस्र (Egypt) में लाल सागर के पास स्थित बेर्निस के प्राचीन बंदरगाह में महात्मा बुद्ध की एक प्रतिमा की खोज की गई है। बुद्ध की यह प्रतिमा दूसरी शताब्दी की बताई जा रही है और इस महत्वपूर्ण खोज से संकेत मिलता है कि, रोमन साम्राज्य और भारत के बीच व्यापारिक संबंध थे।
Egypt's Buddha Statue
Egypt’s Buddha Statue
71 सेंटीमीटर लंबी प्रतिमा के चारों ओर आभामंडल है और उसके बगल में एक कमल का फूल बना दिख रहा है। मिस्र की पुरावशेष मंत्रालय के एक बयान में कहा कि, “एक पोलिश-अमेरिकी मिशन ने प्रतिमा की खोज की है। बेर्निस में प्राचीन मंदिर में खुदाई के दौरान रोमन काल की प्रतिमा की खोज की गई है।”
समाचार एजेंसी से बात करते हुए मिस्र की सर्वोच्च पुरावशेष परिषद के प्रमुख मुस्तफा अल-वजीरी ने कहा कि, ‘इस खोज से रोमन साम्राज्य के दौरान मिस्र और भारत के बीच व्यापार संबंधों की मौजूदगी के महत्वपूर्ण संकेत मिले हैं।’ खोजकर्ताओं ने बुद्ध की जो प्रतिमा खोजी है, उसका दाहिना हिस्सा और दाहिना पैर गायब है।
Egypt's Buddha Statue
Egypt’s Buddha Statue
मिस्र के बड़े बंदरगाहों में शामिल था बेर्निस –
वजीरी ने कहा कि, बेर्निस रोमन युग के मिस्र में सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक था। इसी बंदरगाह से भारत और दुनिया के बाकी देशों से मसाले, कीमती पत्थर, कपड़े और हाथी दांत मिस्र आते थे। बंदरगाह पर सामान आने के बाद उसे ऊंटों पर रेगिस्तान के पार नील नदीं तक पहुंचाया जाता था। आयातित सामान को मिस्र के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेक्जेंड्रिया और वहां से शेष रोमन साम्राज्य को भेजा जाता था।
मिशन की पोलिश टीम के निदेशक मारियस ग्विआज्दा ने कहा कि, बुद्ध की मूर्ति शायद इस्तांबुल के दक्षिण के एक क्षेत्र से निकाले गए पत्थर से बनाई गई थी या हो सकता है कि, स्थानीय रूप से बेर्निस में ही बनाई गई हो और भारत के अमीर व्यापारियों ने इसे मिस्र के मंदिर को तोहफे के रूप में दिया हो।
MORE NEWS>>>स्टूडेंट की मौत हैं बोर्ड का फेल रिजल्ट, आंध्र प्रदेश में 48 घंटे के भीतर 9 स्‍टूडेंट्स ने की आत्महत्या, मुख्य न्यायाधीश ने व्यक्त की चिंता
संस्कृत में लिखा शिलालेख भी मिला –
पुरातत्वविदों ने इस बात का भी खुलासा किया कि, मंदिर की खुदाई के दौरान उन्हें रोमन सम्राट मार्कस जूलियस फिलिपस (244 से 249) के दौर का एक शिलालेख भी मिला है जो संस्कृत लिपि में लिखा गया है।
अमेरिकी टीम के निदेशक स्टीवन साइडबॉथम ने कहा कि, ‘ऐसा लगता है कि संस्कृत में लिखा यह शिलालेख उस दौर का बना नहीं है जिस दौर की बुद्ध की मूर्ति है। शायद यह बहुत पुराना है क्योंकि मंदिर में खुदाई के दौरान हमें और शिलालेख भी मिले हैं और ये शिलालेख पहली शताब्दी के हैं।’

Leave a Comment