बाड़मेर-मुनाबाव बॉर्डर पर सोमवार रात तारबंदी कर रहे 2 घुसपैठियों को सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने गाेली मार दी थी। जवानों ने पहले दोनों को चेतावनी दी, लेकिन जब वे नहीं रुके तो उन्हें ढेर कर दिया गया। दोनों संदिग्ध करीब 3 किलो हेरोइन की खेप लेकर तारबंदी क्रॉस कर भारत में घुसे थे। लेकिन, पाक रेंजर्स इसे मानने को तैयार ही नहीं हुआ। हालाँकि, गुरुवार सुबह तक चली तीसरे दौर की फ्लैग वार्ता में पाक रेंजर्स ने भी ये मान लिया कि ये दोनों पाकिस्तान से आए थे।
इससे पूर्व बुधवार को दोनों के शवों का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया और गुरुवार सुबह 4 बजे पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच BSF के जवान दोनों के शवों को मुनाबाव बॉर्डर लेकर रवाना हुए है। जहा, सुबह करीब 10:30 बजे मुनाबाव बॉर्डर पर शवों को पाकिस्तान सुपुर्द किया गया। यहां भारत-पाक के बीच फ्लैग मीटिंग के बाद शव तीसरे दिन पाकिस्तान रेंजर्स व पुलिस को सुपुर्द किए गए, जहां से शवों को जीरों पाइंट से लेकर पाकिस्तान रवाना हो गए।
ताराबंदी पार कर आ रहे थे बॉर्डर पार, चेतावनी के बाद भी नहीं माने –
दरअसल, बाड़मेर-मुनाबाव इंटरनेशनल बॉर्डर पर सोमवार रात तारबंदी पार कर रहे 2 घुसपैठियों को सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने गोली मार दी। जवानों ने पहले दोनों को चेतावनी दी और जब वे नहीं रुके तो उन्हें ढेर कर दिया। इसके बाद रात को BSF और पाक रेंजर्स के बीच फ्लैग मीटिंग हुई। पाक रेंजर्स को दोनों तस्करों की सूचना दी गई। लेकिन, पाकिस्तान रेंजर्स इसे मानने को तैयार नहीं थे कि, ‘ये पाकिस्तान से बॉर्डर क्रॉस कर यहां आए थे।’ तस्करों के पास से BSF को तीन पैकेट हेरोइन, एक मोबाइल, टॉर्च, सहित टॉफियां भी मिली थी।
भारत-पाक के बीच हुई फ्लैग मीटिंग –
बुधवार को दूसरे दौर की फ्लैग मीटिंग मुनाबाव में आयोजित हुई। इस मीटिंग में भारत और पाक के ऑफिसर भी शामिल थे। इसी मीटिंग में दोनों के पाकिस्तानी होने की पाक रेंजर्स ने पुष्टि की और इनकी पहचान रमजान (51) पुत्र मजीब, शहाबुद्दीन (28) पुत्र अनवर खान निवासी खोखरापाार के रूप में की।
ASP सतेंद्रपालसिह ने बताया कि, पाक घुसपैठिए के शवों को बाड़मेर मॉर्च्युरी से रवाना किया गया। गुरुवार सुबह 10:30 बजे कागजी कार्रवाई कर पाक शवों को अमरकोट के पुलिस व पाक रेंजर्स को सुपुर्द कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी तस्कर तीन हेरोईन के पैकेट लेकर मुनाबाव से 10 किलोमीटर दूर इंटरनेशनल बॉर्डर के पास से निकलने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान 13 बटालियन BSF के जवानों को संदिग्ध एक्टिविटी दिखने पर ऑपरेशन पार्टी ने घुसैपठियों को चुनौती दी थी। इस ड्रग की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में करीब 10 करोड़ रुपए बताई जा रही है।