फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ रिलीज के बाद से ही विवादों में बनी हुई है। मूवी के कंटेंट ने सियासी गलियारों में हलचल मचा रखी है। जिससे कई पॉलिटिकल पार्टीज ने इसे प्रोपेगेंडा फिल्म तक बताया है। देश के पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में फिल्म का जमकर विरोध किया जा रहा है। सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने “द केरल स्टोरी” बंगाल मे बैन करने का फैसला सुनाया और अब इस बैन के खिलाफ फ़िल्म के मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मेकर्स –
“द केरल स्टोरी” के मेकर्स ने पश्चिम बंगाल में लगे बैन को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर अपील की हैं कि, तमिलनाडु सरकार सिनेमाघरों के बाहर सिक्योरिटी मुहैया कराएं ताकि “द केरल स्टोरी” स्क्रीन हो सके। बताते चले कि, तमिलनाडु के मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने इस फिल्म को लॉ एंड ऑर्डर के लिए खतरा बताते हुए बायकॉट किया है।
एसोसिएशन ने बीते रविवार को राज्य में फिल्म की स्क्रीनिंग रोक दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तमिलनाडु में कई राजनीतिक संगठनों ने थियेटर के मालिकों को फिल्म स्क्रीन न करने की धमकी दी है। जिससे राज्य में डर का माहौल बना हुआ है।
क्या कहा ममता बनर्जी ने ?
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के थियेटरों से ये फिल्म हटाने के आदेश दिए हैं। उनके मुताबिक ये फैसला राज्य में शांति बनाए रखने के लिए लिया गया है, जिससे किसी भी तरह की हिंसा और क्राइम से बचा जा सके। ममता का आरोप है कि, “बीजेपी सरकार बंगाल को लेकर भी एक फिल्म बनवा रही है। जिसमें बंगाल को लेकर गलत और मनगढ़ंत कहानी दिखाई जाएगी। इस फिल्म को बनाने के लिए बीजेपी फिल्ममेकर्स को पैसे दे रही है।”
ममता बनर्जी ने “द केरल स्टोरी” को भी मनगढ़ंत बताया है और राज्य में फिल्म बैन करने के बाद “द केरल स्टोरी” के प्रोड्यूसर विपुल शाह का भी रिएक्शन सामने आया हैं। उन्होंने डायरेक्टर सुदीप्तो सेन संग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात सामने रखी और विपुल शाह ने कानूनी कदम उठाने की बात कही हैं।
बॉक्स ऑफिस पर छाई फिल्म –
इस विवाद का “द केरल स्टोरी” को बॉक्स ऑफिस पर खूब फायदा मिल रहा है। स्मॉल बजट में बनी ये फिल्म धुआंधार कमाई कर रही है और 4 दिन में जो फिल्म का कलेक्शन 45 करोड़ हो चूका है। ये मूवी बिहार, यूपी और एमपी में टैक्स फ्री घोषित की गई है।