हरियाणा के अंबाला से भाजपा के लोकसभा सांसद रतनलाल कटारिया का बीती रात निधन हो गया। पिछले कई दिनों से वे निमोनिया से परेशान थे, जिसके कारण चंडीगढ़ के PGI में भर्ती थे। यही पर उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली। कटारिया की अंतिम यात्रा पंचकूला के मनसा देवी कॉम्पलेक्स सेक्टर-4 से निकाली जायेगी और आज दोपहर उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।
लोकसभा सांसद रतनलाल कटारिया के निधन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने प्रदेश में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया। सीएम ने ट्वीट कर कहा “ पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं अबाला से सांसद रतनलाल कटारिया के निधन से मन अत्यंत दुखी हैं। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार को इस कठिन घड़ी में संबल प्रदान करें।”
मुख्यमंत्री खट्टर के साथ में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी सांसद के निधन का शोक जताया। सीएम दुष्यंत ने लिखा है कि वरिष्ठ नेता रतनलाल कटारिया के आकस्मिक निधन से हरियाणा की राजनीति को बहुत बड़ी क्षति हुई हैं। PM मोदी ने भी कटारिया के निधन पर दुख जताया।
वरिष्ठ नेता रतनलाल कटारिया ने 4 मई को PGI में शादी की 40वीं सालगिरह मनाई थी। लोकसभा सांसद रतनलाल कटारिया का जन्म यमुनानगर जिले के संधाली गांव में 19 दिसंबर 1951 में हुआ था। उनके पिता का नाम ज्योतिराम और माता का नाम परिवारी देवी हैं। कटारिया के परिवार में पत्नी बंतो कटारिया के अलावा 2 बेटियां और एक बेटा हैं। कटारिया ने कैंट के SD कॉलेज से BA ऑनर्स करने के बाद कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी से MAपॉलिटिकल साइंस और LLB की पढ़ाई की। कटारिया 50 वर्षों से RSS से जुड़े हुए थे। और वे हरिजन कल्याण निगम के अध्यक्ष और गुरू रविदास सभा के अध्यक्ष भी रहे।
कटारिया 1985 में रादौर विधानसभा से विधायक रहे और 1996 में वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन रहे। इसके अलावा वे हरियाणा सरकार में रेवेन्यू के मिनिस्टर भी रह चूके। रतनलाल कटारिया 13 साल की उम्र में बाल कलाकार के रूप में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से सम्मानित किये गये थे।
मई 2019 में उन्हें जल शक्ति एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री बनाया गया। साल 2019 में भाजपा ने कटारिया को अंबाला लोकसभा आरक्षित सीट से मैदान में उतारा। लेकिन वे पहले ही राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा से लगातार 2 बार हार चूके थे। लेकिन साल 2019 में कटारिया ने सांसद कुमारी सैलजा को हराकर जीत हासिल की। साल 2014 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार वाल्मीकि को हराया था। कटारिया 1999 में भी अंबाला के सांसद रह चुके थे।
रतनलाल कटारिया सन् 1980 में भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष बने। सन् 1987 से 1990 तक प्रदेश के संसदीय सचिव एवं हरिजन कल्याण निगम के चेयरमैन रहे। इसके बाद वे पार्टी के प्रदेश वक्ता, प्रदेश मंत्री, अनुसूचित जाति मोर्चा के अखिल भारतीय महामंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री के बाद जून 2001 से सितंबर 2003 तक भाजपा के प्रदेश प्रदेश उपाध्यक्ष बने रहे।