आखिर क्यों आती है रात को माउंट एवरेस्ट से डरावनी आवाजें। ये जानने के लिए वैज्ञानिकों ने अपने स्तर पर खोज शुरू की। साल 2018 में ग्लेशियोलॉजिस्ट एवगेनी पोडॉल्स्की के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने ग्लेशियर की भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन किया। लगभग तीन सप्ताह तक वैज्ञानिकों की टीम ने हिमालय क्षेत्र पर रहकर भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन किया।
वहां हो रही गतिविधियों पर उन्होंने पूरी नजर रखी। माउंट एवरेस्ट से गुंजती हुई आवाजों को रिकॉर्ड किया गया। वहां हो रहे हर प्राकृतिक बदलाव को उन्होंने बारीकी से रिकॉर्ड किया। वैज्ञानिको ने विश्लेषण में बताया कि तापमान में तेजी से गिरावट होने के कारण इस तरह की आवाजें आती हैं। सूर्यास्त के बाद से तापमान में तेजी से गिरावट आती हैं। जैसे ही वहां रात का तापमान लगभग 15℃ या 5°F तक गिरता हैं को शिखर से जोर-जोर से भयंकर आवाजें आती हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि, हिमालय में हिमनदी में बर्फ की चादरें अधिक दर से पिघल रही हैं। अधिक ऊंचाई वाली ग्लेशियर टूटने से माउंट एवरेस्ट पर भयंकर आवाजें आती हैं। जिससे दक्षिणी एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था खतरे में हैं। जापान के होक्काइडो विश्वविध्यालय के रिसर्च सेंटर में काम करने वाले वैज्ञानिक डॉ. पोडॉल्स्की ने भी ग्लेशियर टूटने की पुष्टि की।
समुद्र तल से माउंट एवरेस्ट 29,029 फीट ऊंचाई पर स्थित हैं। कहा जाता है कि इस एवरेस्ट की चढ़ाई बहुत ही मुश्किल हैं। इस पर्वत पर अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चूकी हैं। वैज्ञानिक डेव हैन जो 15 बार एवरेस्ट के शिखर पर जा चूके है। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि जैसे ही पहाड़ पर सूर्यास्त होता हैं, तो पॉपिंग की आवाजें सुनाई देने लगती हैं। चारों तरफ की घाटी और अलग-अलग चट्टानों के गिरने, बर्फ की टूटने की आवाजों को सुना जा सकता हैं।