862 करोड़ रुपए में बने नए संसद भवन का काम लगभग पूरा हो चूका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी और नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हो गया था। इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में ही पूरा हो जाना था, लेकिन ऐसा हुआ नाही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे। जिसके पीछे एक बार फिर सियासत गरमा गयी हैं। खबरो के अनुसार, विपक्ष की 19 पार्टियां संसद के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी और इसके लिए उन्होंने बुधवार को एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में इसके बायकॉट करने की जानकारी दी हैं।
विपक्ष का कहना हैं कि, ‘जब लोकतंत्र की आत्मा को ही संसद से सोख लिया गया है, तो हमें नई इमारत की कोई कीमत नहीं दिखती।’ राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे पहले ही कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने की मांग कर चुके हैं। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसे 28 महीने में बनाया गया।
19 विरोधी पार्टियों के नाम –
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK),राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल-यूनाइटेड (JDU), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), मरूमलारची द्रविड मुनेत्रद कडगम (MDMK), समाजवादी पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना गुट, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, झारखंड मुक्ति मोर्चा, करेला कांग्रेस मनी, विदुथलाई चिरूथाइगल कच्छी, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और रेवॉल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे।
4 मंजिला बिल्डिंग पर भूकंप का असर नहीं –
पुराना संसद भवन 47 हजार 500 वर्गमीटर में बना हुआ है, जबकि नई बिल्डिंग का निर्माण 64 हजार 500 वर्ग मीटर में किया गया है। यानी पुराने से नया भवन 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है और नया संसद भवन 4 मंजिला ऊँचा है। साथ ही इसमें 3 दरवाजे हैं, जिन्हे ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। सांसदों और VIPs के लिए अलग एंट्री है और खास बात यह हैं कि, इस भवन पर भूकंप का असर नहीं होगा। इसका डिजाइन HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है और इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।