इंदौर में पुष्पविहार कॉलोनी के पीड़ितों ने शुक्रवार (26 मई) सुबह कॉलोनी स्थल पर बैठक की, जिसमें 500 से ज्यादा पीड़ित अपनी शिकायत लेकर पहुंचे। यह सभी ने मिलकर फैसला लिया कि, “30 जून तक सरकार को समय दे रहे हैं, यदि हमारी कॉलोनी IDA की स्कीम से मुक्त होकर वैध नहीं होती है तो फिर IDA और सरकार के खिलाफ हम सड़कों पर उतरेंगे और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार नहीं करेंगे, बल्कि सरकार को हरवाएंगे।”
हम सभी लोग पिछले 40 साल से न्याय का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) से ज्यादा भ्रष्ट सरकारी विभाग कही नहीं देखा, यह संस्था आज इंदौर में सबसे बड़ी भूमाफिया बन गयी है।
भूमाफिया IDA को दे रहे प्रतिफल –
पुष्पविहार की रहवासियों और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि, “भूमाफिया दीपक मद्दा, दीपेश वोरा, कमलेश जैन और नसीम हैदर ने यहां के 300 से ज्यादा प्लॉट 30 करोड़ में लोगों को बेच दिए थे। अब जब हमें स्कीम से मुक्ति मिल रही थी और व्यक्तिगत NOC मिलने लगी तो प्लॉट खरीदने वालों ने भूमाफिया को पैसा वापस देने का बोला। जब उनके हाथ से प्लाट जाने लगा, तो उन्होंने IDA में अपना खेल खेला और बढ़िया प्रतिफल देकर हमारे काम में अडंगा अड़ा दिया। हम IDA को यह प्रतिफल के तौर पर भारी राशि नहीं दे सकते हैं, इसलिए हमारे मामले को उलझा दिया गया।”
स्कीम 171 के सभी पीडित संस्थाओं के लोग पहुंचे थे –
वहीँ, IDA की स्कीम नं 171 में शामिल सभी संस्थाओं के पीड़ित मौके पर पहुंचे थे। न्यायनगर के अजय गुप्ता ने कहा कि, “हमारी संस्था को लेकर तो सभी ने हाथ ही ख़ड़े कर दिए और हमे ही दोषी बताकर कहा जा रहा है कि, आप ही सालों तक प्लाट पर नहीं गए, इसलिए प्लाट पर कब्जे हो गए तो अब हम इसमें क्या करें? यहां बब्बू-छब्बू जैसे गुंडों के आगे सिस्टम असहाय था तो फिर हम जैसे मध्यम वर्गीय लोग कैसे उनसे कब्जे छुड़ाते यह काम तो पुलिस, प्रशासन का ही है, जबकि हमने FIR भी कराई थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।”