भारत, पाकिस्तान और चीन में मंगलवार को 1 बजकर 33 मिनट पर आये 5.4 तीव्रता के भूकंप ने दिल्ली-एनसीआर, जम्मू कश्मीर, चंडीगढ़ समेत कई शहरों की धड़कने तेज़ कर दी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र जम्मू-कश्मीर के डोडा में था और इसकी गहराई जमीन से 6 किलोमीटर अंदर थी।
मार्च में भी आए थे भूकंप के तेज झटके –
इससे पहले मार्च में भारत के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। उस समय रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.6 मापी गयी थी। भूकंप का असर दिल्ली-एनसीआर, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पंजाब और उत्तराखंड समेत पूरे उत्तर भारत में था और भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का हिंदू कुश क्षेत्र था।
मई में 41 बार आया भारत में भूकंप –
NCS के डेटा के मुताबिक, भारत में 1 मई से 31 मई तक कुल 41 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इनमें से 7 भूकंप उत्तराखंड में, 6 भूकंप मणिपुर में और इसके अलावा अरुणाचल में 5 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहीं, हरियाणा और मेघालय में पिछले महीने 3-3 बार धरती हिली है।
जानिए क्यों आता है भूकंप..?
हमारी पृथ्वी मुख्यत: चार परतों से बनी हुई है। इनर कोर (Inner Core), आउटर कोर (Outer Core), मैनटल (Mantle) और क्रस्ट (Crust). क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहा जाता है और ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। यानि धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है। ये प्लेटें कभी भी स्थिर नहीं होती और लगातार हिलती रहती हैं।
जब ये प्लेटें एक दूसरे की तरफ बढ़ती है तो इनमें आपस में टकराव होता है, जिससे ये प्लेटें कई बार टूट भी जाती हैं और इनके टकराने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जो इलाके में हलचल करती हैं, कई बार ये झटके काफी कम तीव्रता के होते हैं। इसलिए ये महसूस भी नहीं होते, जबकि कई बार इतनी ज्यादा तीव्रता के होते हैं, कि धरती फट कर समां जाती हैं।