हर साल उड़ीसा से पुरी शहर में ‘जगन्नाथ रथ यात्रा’ बड़ी धूमधाम से निकाली जाती है, जिसमें शामिल होने के लिए देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। इस बार भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा निकाली जा रही है। पुरी शहर का यह वैष्णव मंदिर श्रीहरि के पूर्ण अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। पूरे साल भगवान जगन्नाथ की पूजा मंदिर के गर्भगृह में होती है, लेकिन आषाढ़ माह में 3 किलोमीटर की अलौकिक रथ यात्रा के जरिए इन्हें गुंडिचा मंदिर लाया जाता है।
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रथ यात्रा का महत्व –
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अपनी मौसी के घर जाते हैं। इसलिए यह रथ यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से तीन दिव्य रथों पर निकाली जाती हैं, जिसमे सबसे आगे बलभद्र का रथ, उनके पीछे बहन सुभद्रा और सबसे पीछे भगवन जगन्नाथ का रथ होता है। इस साल जगन्नाथ यात्रा 20 जून से शुरू होगी और इसका समापन 1 जुलाई को होगा।
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