भारत में कई ऐसे विचित्र स्थान हैं, जिनका रहस्य सुलझाना थोड़ा मुश्किल है। ऐसे ही कुछ अनसुलझे रहस्यों से घिरा उड़ीसा का बेहद ही खूबसूरत चांदीपुर बीच है, जो अपने विचित्र रहस्य की वजह से एक अद्भुत नज़ारा प्रस्तुत करता है। आइए जानें इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में।
ओडिशा में स्तिथ चांदीपुर एक बेहद ही खूबसूरत बीच है। इसके पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में मयूरभंज का इलाका आता है, जबकि इसके उत्तरी सिरे पर बंगाल का मेदनीपुर जिला है। बंगाल के सबसे लोकप्रिय बीच दीघा से बालासोर की दूरी 100 किलोमीटर है। दीघा से बालासोर तक बंगाल की खाड़ी से सटा ये बीच बेहद ही सुन्दर हैं और अगर आपको समुद्र के अंदर चहलकदमी का असली मजा लेना हो तो चांदीपुर बीच एक बेहतरीन जगह है।
यह बीच ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर एक एकांत समुद्र तट पर स्थित है। इस बीच पर पहुंचने के लिए बालेश्वर या बालासोर स्टेशन पर उतरना होता है जहां से चांदीपुर 30 किलोमीटर दूर है। बालासोर ओडिशा का एक छोटा सा शांत कस्बा है और चांदीपुर बीच इसी कस्बे में स्थित है। इस जगह की हैरानी करने वाली बात यह है कि इसका पानी अचानक आंखों के सामने से गायब हो जाता है और कुछ देर बाद फिर से दिखाई देने लगता है। इसलिए रहस्य में डूबे इस बीच को लुका – छुपी बीच भी कहते हैं।
चांदीपुर बीच अपनी शांति और मनोरम दृश्यों के चलते भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। देश- विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक इस बीच को देखने आते है। सालो कोशिश करने के बाद भी वैज्ञानिक इस जगह के रहस्यों की जड़ो तक नहीं पहुंच पाए हैं। चांदीपुर बीच भी रहस्यमयी स्थानों में अपनी एक खास पहचान रखता हैं।
चांदीपुर बीच रसीला तटीय वनस्पति और कैसुरीना वृक्षों से घिरा हुआ हैं और यहां पर आये दिन कोई न कोई विचित्र घटना घटित होती है, जहां समुद्र अपना पानी ज्वार (Tide) के समय दिन में दो बार पीछे छोड़ देता है और फिर उच्च ज्वार (High Tide) के दौरान वापस लौट आता है। वैसे, चांदीपुर मिसाइल प्रक्षेपण केंद्र के लिए भी मशहूर है। यह 1989 में स्थापित किया गया था। भारत में बनी अधिकतर मिसाइलें जैसे त्रिशूल, आकाश, नाग व जमीन से जमीन तक मार करने वाली मिसाइल पृथ्वी और अग्नि का प्रक्षेपण भी यहीं से किया गया था।