वैसे तो दुनिया के कई देशों में अलग-अलग प्रकार की जनजातियां पाई जाती हैं। जिनकी जिनकी संस्कृति, पहनावा, खान-पान सब एक-दूसरे से अलग रहता हैं। जिनमें से बहुत सी जनजाति आज के मॉडर्न युग को देखकर अपना जीवन-यापन, पहनावा बदल चूकी है तो कुछ जनजाति आज भी अपनी पुरानी संस्कृति की विचारधारा को बरकरार रखे हुए हैं।
इन्ही जनजाती में से सबसे खूंखार और खतरनाक मानी जानी वाली जनजाति हैं “मुर्सी जनजाति” जो इंसानों को मारने का शोक रखती हैं। मुर्सी जनजाति के बारें में जो दक्षिण इथियोपिया और सूडान सीमा की ओमान घाटी के जंगलों में कबीलें बनाकर रहती हैं। इन जनजाति के लोगों का जंगलों पर पुरा अधिकार रहता हैं। इनके इलाके में यदि कोई अंजान व्यक्ति आ जाये तो वह जिंदा नहीं बचता हैं। मुर्सी जनजाति के लोगों को मानना हैं कि, “किसी इंसान की हत्या करना मर्दानगी की निशानी होती हैं।”
इनके पास कई ऐसे हथियार होते हैं, जिससे फेंककर पल भर में ही ये किसी की भी हत्या कर सकते हैं। हथियार रखना अजीबों-गरीब पहनावा रखने को ये जनजाति अपना शक्ति प्रदर्शन कहती हैं। इतना ही ये अपने कबीलें की लड़कियों को भी इसका शिकार करते हैं। जब ये लड़कियां 15-16 साल की होती हैं तो उनके नीचलें होंठ को काटकर मिट्टी या लकड़ी की गोल प्लेट पहना दी जाती हैं। इस प्रक्रिया को बॉडी मॉडिफिकेशन कहते हैं। मुर्सी जनजाति की इस प्रथा का मुख्य उद्देश्य हैं कि कबीलें की लड़कियां कम खुबसूरत दिखें, ताकि उनपर कोई भी प्रभावित ना हों।
बॉडी मॉडिफिकेशन ये लड़कियां दुनिया के पर्यटकों की नजर में बेहद आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। अफ्रीका में अब केवल तीन ही आदिवासी जनजातियां बची हैं। मुर्सी, छाई और तिरमा इनकी प्रथाएं मान्यताएं लगभग सब समान हैं। इनकी आबादी करीब 10 हजार हैं।
ये इतनी हिंसक होती हैं कि सरकार भी इन पर कोई मुकदमा नहीं कर पाती। इथियोपिया की सरकार ने इन जनजातियों से संपर्क पर बैन लगा रखा हैं। ताकि कोई नया व्यक्ति इनका शिकार ना बनें। यदि कोई विदेशी या राष्ट्रप्रमुख सरकार इन जनजातियों की देखने की इच्छा जताती हैं तो उन्हें सरकार आर्मी गार्ड के सुरक्षा घेरे में रखकर जनजाति क्षेत्र का दौरा करवाती हैं।