Search
Close this search box.

BREAKING NEWS

प्लास्टिक सर्जरी की अफवाहों पर राजकुमार राव ने दिया जवाब.खुले हुए नलकूप/बोरवेल की सूचना देने वाले को मिलेगी 10 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशिरोहित ने छह टीमों से ज्यादा छक्के उड़ाए, पोलार्ड को भी पीछे छोड़ापतंजलि को झटका : योग से कमाए पैसों पर देना होगा टैक्सपुलिस से पंगा लेना मत, नहीं तो यहीं चौराहे पर पटक-पटक कर मारूंगाआज पहले चरण का मतदान,कई दिग्गजों की साख दांव परजम्मू-कश्मीर में एवलांच का रेड अलर्ट, कई इलाको में बर्फबारी से माइनस 10 डिग्री पहुंचा तापमान, UP-बिहार में बारिश ने ठंड बढ़ाईकेजरीवाल के PS के घर ED की रेड, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में AAP के 10 ठिकानों पर पहुंची टीमब्लू साड़ी में श्वेता लगीं काफी स्टनिंग, एक्ट्रेस के कातिलाना अवतार पर 1 लाख से भी ज्यादा यूजर्स ने किया लाइकभारत में 718 Snow Leopard, अकेले लद्दाख में रहते हैं 477 हिम तेंदुए, WII की नई रिपोर्ट जारी

इस साल कब है गुरु पूर्णिमा, गुरु के आशीर्वाद से मिलता हैं धन संपत्ति, सुख शांति और वैभव का वरदान

Guru Purnima 2023
Guru Purnima 2023

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

हमारे सनातन धर्म में आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई, सोमवार के दिन मनाई जाएगी। ज्योतिषी कहते हैं कि, गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आशीर्वाद से धन संपत्ति, सुख शांति और वैभव का वरदान पाया जा सकता है। इसी दिन वेदव्यास का जन्म हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
हिन्‍दू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्‍व बताया गया है। माना जाता है कि, हमारे जीवन में गुरु का स्थान सर्वश्रेष्‍ठ होता है और गुरु भगवान से भी ऊपर होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वो गुरु ही होता है जो व्यक्ति को अज्ञानता के अंधकार से उबारकर ज्ञान का प्रकाश दिखाता है।
गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त –
तिथि प्रारंभ – 02 जुलाई की रात 08 बजकर 21 मिनट से

तिथि समापन – 03 जुलाई की शाम 05 बजकर 08 मिनट तक

गुरु पूर्णिमा महत्व –
मान्यता है कि, गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास (कृष्णद्वैपायन) का जन्म हुआ था। सनातन धर्म में महर्षि वेदव्यास को प्रथम गुरु का दर्जा प्राप्त है क्योंकि सबसे पहले उन्होंने ही मनुष्य जाति को वेदों की शिक्षा दी थी। इसके अलावा महर्षि वेदव्यास को श्रीमद्भागवत, महाभारत, ब्रह्मसूत्र, मीमांसा के अलावा 18 पुराणों का रचियाता भी माना जाता है। यही वजह है कि, महर्षि वेदव्यास को आदिगुरु का दर्जा प्राप्त है।
गुरु पूर्णिमा शुभ योग –
इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन कई शुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है। इस दिन ब्रह्म योग और इंद्र योग बनेंगे। वहीं, सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग का भी निर्माण होगा। ब्रह्म योग 02 जुलाई को शाम 07 बजकर 26 मिनट से 03 जुलाई दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक रहेगा, वहीँ इंद्र योग की शुरुआत 03 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 45 मिनट पर शुरु होकर 04 जुलाई को सुबह 11 बजकर 50 मिनट समापन होगा।
गुरु पूर्णिमा पूजन विधि –
इस दिन सुबह जल्दी उठें और घर की साफ-सफाई करने के बाद नहा लें और फिर साफ वस्त्र धारण कर पूजा का संकल्प लें और एक साफ-सुथरी जगह पर एक सफेद वस्त्र बिछाकर व्यास पीठ का निर्माण करें। इसके बाद गुरुव्यास की प्रतिमा उस पर स्थापित करें और उन्हें रोली, चंदन, पुष्प, फल और प्रसाद अर्पित कर शुक्रदेव और शंकराचार्य आदि गुरुओं का भी आवाहन करें और ”गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये” मंत्र का जाप करें।
MORE NEWS>>>इंदौर में बढ़ते अपराध को लेकर प्रशासन सख्त, कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में CM ने दिए गुंडे-बदमाशों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *