Chandrayaan-2 की लॉन्चिंग के 3 साल 11 महीने और 23 दिन बाद भारत ने आज शुक्रवार को Chandrayaan-3 मिशन को आज दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से बाहुबली रॉकेट LVM3-M4 से इसे स्पेस में भेजा गया है। जिसने 16 मिनट बाद चंद्रयान को रॉकेट ने ऑर्बिट में प्लेस किया हैं।
चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट के तीन लैंडर/रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। जो करीब 40 दिन बाद, यानी 23 या 24 अगस्त को लैंडर और रोवर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे। ये दोनों 14 दिन तक चांद पर एक्सपेरिमेंट करेंगे और प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के ऑर्बिट में रहकर ही धरती से आने वाले रेडिएशन्स की स्टडी करेगा।
इस मिशन के जरिए ISRO पता लगाएगा कि, “लूनर सरफेस कितनी सिस्मिक है, वहीँ सॉइल और डस्ट की स्टडी की जाएगी।” अगर ये मिशन सक्सेसफुल रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा और चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाने वाला दुनिया का पहला देश बनकर कीर्तिमान रचेगा।