अधिकमास की दूसरी एकादशी 12 अगस्त के दिन शनिवार को मनाई जाएगी। जिसे कमला एकादशी या पुरुषोत्तमी एकादशी भी कहा जाता हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से दुर्लभ सिद्धियों प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस व्रत को बहुत उत्तम माना जाता है। परम एकादशी में किए गए पुण्यों का फल कई गुना अधिक होता है और हमारे पुराणों में इस एकादशी का फल अश्वमेध यज्ञ के समान बताया गया है।
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परमा एकादशी की तिथि और समय –
हिंदू पंचांग के अनुसार, अधिकमास के कृष्ण पक्ष की परमा एकादशी तिथि शुक्रवार, 11 अगस्त को सुबह 05 बजकर 06 मिनट पर आरंभ होगी और 12 अगस्त को सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर इसका समापन होगा। एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त शनिवार, 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।
परमा एकादशी की पूजा विधि –
परमा एकादशी के दिन सवेरे-सवेरे स्नानादि के बाद भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें। फिर निर्जला व्रत का संकल्प लेकर विष्णु पुराण का पाठ करें और रात के चारों पहर विष्णु और शिवजी की पूजा करें। प्रथम प्रहर में नारियल, दूसरे प्रहर में बेल, तीसरे प्रहर में सीताफल और चौथे प्रहर में नारंगी सुपारी भगवान को अर्पित करें। द्वादशी के दिन यानी 13 अगस्त को प्रात: 05 बजकर 49 मिनट से सुबह 08 बजकर 19 मिनट तक भगवान की पूजा करने के बाद व्रत का किया जा सकता हैं।
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