अंतरिक्ष में जब भी कोई मिशन जाता है, तो उसमें लगाए गए ऑनबोर्ड कंप्यूटर से मिले आंकड़े ही उस मिशन की सही हालत बताते हैं। यही हाल Chandrayaan-3 के साथ भी है, सुरक्षित लैंडिंग से ठीक पहले 15 मिनट में यही आंकड़े वैज्ञानिकों की सांसें फुलाकर रखेंगे। इन्हें Fifteen Minutes of Terror कहा जाता हैं।
![Chandrayaan-3 Landing](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/08/lander-landing-on-moon_0-300x169.jpg)
Chandrayaan-3 की लैंडिंग 23 अगस्त की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर होनी है। जिसमे अब ज्यादा समय बचा नहीं है, विक्रम लैंडर 25 km x 134 km की ऑर्बिट में घूम रहा है और इसी 25 किलोमीटर की ऊंचाई से इसे नीचे की तरफ जाना है। पिछली बार चंद्रयान-2 अपनी ज्यादा गति, सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी और इंजन फेल्योर की वजह से वह गिर गया था।
इस बार वह गलती न हो इसलिए चंद्रयान-3 में कई तरह के सेंसर्स और कैमरे लगाए गए हैं। LHDAC कैमरा खासतौर से इसी काम के लिए बनाया गया है कि, कैसे विक्रम लैंडर को सुरक्षित चांद की सतह पर उतारा जाए। वहीँ, इसके साथ कुछ और पेलोड्स लैंडिंग के समय मदद करेंगे, वो हैं – लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (LPDC), लेजर अल्टीमीटर (LASA), लेजर डॉपलर वेलोसिटीमीटर (LDV) और लैंडर हॉरीजोंटल वेलोसिटी कैमरा (LHVC) मिलकर काम करेंगे, ताकि लैंडर को सुरक्षित सतह पर उतारा जा सके।
![Chandrayaan-3 Landing](https://dainikrajeevtimes.com/wp-content/uploads/2023/08/lander-landing-on-moon-a_0-300x169.jpg)
विक्रम लैंडर में इस बार 2 बड़े बदलाव किए गए हैं। पहला तो ये हैं कि, इसमें बचाव मोड (Safety Mode) सिस्टम है। जो इसे किसी भी तरह के हादसे से बचाएगा। इसके लिए विक्रम में दो ऑनबोर्ड कंप्यूटर लगाए गए हैं, जो हर तरह के खतरे की जानकारी देंगे। इन्हें यह जानकारी विक्रम पर लगे कैमरे और सेंसर्स से मिलेगी।
जानिए कैसे होगी चंद्रयान-3 की लैंडिंग ?
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विक्रम लैंडर 25 किलोमीटर की ऊंचाई से चांद पर उतरने की यात्रा शुरू करेगा। अगले स्टेज तक पहुंचने में उसे करीब 11.5 मिनट लगेगा, यानी 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई तक।
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7.4 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने तक इसकी गति 358 मीटर प्रति सेकेंड रहेगी और अगला पड़ाव 6.8 किलोमीटर का होगा।
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6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर गति कम करके 336 मीटर प्रति सेकेंड की जाएगी और अगला लेवल 800 मीटर का रहेगा।
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800 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर के सेंसर्स चांद की सतह पर लेजर किरणें डालकर लैंडिंग के लिए सही जगह खोजेंगे।
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150 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की गति 60 मीटर प्रति सेकेंड रहेगी, यानी 800 से 150 मीटर की ऊंचाई के बीच।
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60 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की स्पीड 40 मीटर प्रति सेकेंड रहेगी, यानी 150 से 60 मीटर की ऊंचाई के बीच।
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10 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की स्पीड 10 मीटर प्रति सेकेंड की जाएगी।
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चंद्रमा की सतह पर उतरते समय यानी सॉफ्ट लैंडिंग के लिए लैंडर की स्पीड 1.68 मीटर प्रति सेकेंड रहेगी।
Chandrayaan-3 Landing