“प्याज की कीमतें आसमान में न पहुंचे, इसके लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40% प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला किया है। यानी प्याज को विदेश में बेचने पर विक्रेता को 40 फीसदी शुल्क सरकार को देना होगा।” लेकिन केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर भारतीय किसान संघ ने इंदौर कलेक्टर ऑफिस का घेराव कर दिया।
कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा और इस फैसले को वापस लेने की मांग की हैं। साथ ही किसानों ने 15 दिन में फैसला वापस लेने की चुनौती दी है और कहा है कि, “अगर 15 दिन में हमारी मांग नहीं मानी तो देश के सभी सांसदों के घेराव के साथ मंडी बंद कर दी जाएगी।”
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बता दें कि, वित्त मंत्रालय द्वारा प्याज की कीमत कम करने की नियत से केन्द्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई है। इससे किसानों का मानना है कि, ‘प्याज के भाव मंडियों में गिरने के कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।’
बड़ी संख्या में पहुंची महिलाएं –
किसानो का कहना है कि, “वो मालवा प्रांत के 15 जिलों में ज्ञापन दे चुके हैं। इस ज्ञापन में लगभग 400 लोग शामिल हुए जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी रहीं। 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी को लागू किए हुए अभी बस 3 दिन हुए हैं।” किसानों का कहना है कि, सरकार के इस फैसले से लाखों किसान प्रभावित होंगे। इसका प्रभाव 8 से 10 दिन में दिखन शुरू हो जाएगा।
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