सांसद राहुल गाँधी अपने 12 तुगलक लेन वाले घर में वापस नहीं रहना चाहते हैं। बंगले में वापसी के लिए 15 दिन के अंदर राहुल को लोकसभा कमेटी को जवाब देना था। जिसकी डेडलाइन बुधवार 23 अगस्त को खत्म हो चुकी है। जिसके लिए उन्होंने औपचारिक रूप से इंकार कर दिया है। दरअसल, मोदी सरनेम केस में 2 साल की सजा मिलने के बाद राहुल को 22 अप्रैल को बंगला खाली करना पड़ा था। इस बंगले में राहुल गाँधी 19 साल रहे थे।
दूसरे ऑप्शन तलाश रहे हैं राहुल –
सूत्रों के मुताबिक, वे इन दिनों घर के लिए कुछ और ऑप्शन भी खोज रहे हैं। राहुल 16 अगस्त को बहन प्रियंका के साथ 7 सफदरजंग लेन देखने गए थे। यह बंगला पहले महाराजा रणजीत सिंह का था। घर छोड़ते वक्त राहुल ने कहा था कि, “उन्हें सच बोलने की सजा दी गई है। वो घर उन्हें भारत के लोगों ने दिया था, बावजूद इसके वे उस घर में वापस नहीं जाना चाहते जो उनसे छीन लिया गया था।”
7 सफदरजंग लेन का यह बंगला महाराजा रणजीत सिंह गायकवाड़ को 1980 में संसद सदस्य के रूप में दिया गया था। वे 27 नवंबर 1989 तक सांसद रहे थे। 27 दिसंबर 1989 को उनका आवंटन रद्द कर दिया गया था। इसके बाद भी उनके कानूनी उत्तराधिकारियों ने बंगला खाली नहीं किया और 2001 में इन लोगों को बंगला खाली करने का आदेश दिया गया, जिसे पिछले साल दिल्ली हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था।
2005 में अलॉट हुआ था 12, तुगलक लेन बंगला –
आपको बता दें कि, राहुल गाँधी 2004 में पहली बार अमेठी से सांसद बने। तब तक वो अपनी माँ के साथ 10 जनपथ स्थित बंगले में ही रहते थे। सांसद बनने पर 2005 में उन्हें पहली बार 12 तुगलक लेन वाला बंगला अलॉट किया गया था।