राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह (Prabhunath Singh) को सुप्रीम कोर्ट ने साल 1995 के “मशरख डबल मर्डर केस” में उम्रकैद की सजा सुनाई है और मृतक के परिवारों को 10-10 लाख रुपए और घायल के परिवार को 5 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश भी दिया है।
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सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा – “दो विकल्प हैं, या तो हम जीवन दें या फिर मौत।” वहीँ, जस्टिस विक्रम नाथ ने पूछा कि, प्रभुनाथ सिंह की उम्र कितनी है? तब उनके वकील ने बताया कि, उनकी उम्र 70 साल हैं। इसके बाद जस्टिस ने कहा कि, “तब तो भगवान ही मालिक हैं। आज से पहले ऐसा केस नहीं देखा।”
प्रभुनाथ सिंह को इस मामले में पटना की एक कोर्ट ने साल 2008 में बरी कर दिया था। बाद में साल 2012 में पटना हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को सही ठहराया था। लेकिन पीड़ित के भाई ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की और इस मामले में 18 अगस्त को ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया था। प्रभुनाथ सिंह फिलहाल विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में झारखंड के हजारीबाग केंद्रीय कारा में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
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वोट न देने पर हुई थी 2 की हत्या –
साल 1995 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छपरा के मशरख में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की दिनदहाड़े पोलिंग बूथ के पास ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि, “दोनों ने ही प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं दिया था।”
बता दें कि, यह वही चुनाव था जिसमें अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इसके बाद प्रभुनाथ सिंह ने 90 दिनों के अंदर अशोक सिंह की हत्या करने की धमकी दी और 3 जुलाई, 1995 के दिन अशोक सिंह की हत्या हो गई। यह उनके विधायक बनने का 90वें दिन था। 23 मई 2017 को, सिंह को 22 साल पहले विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में हज़ारीबाग कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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