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राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के लिए शिक्षिका चेतना खांबेटे का चयन, शाल-श्रीफल देकर किया सम्मानित

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केंद्रीय विद्यालय 2, BSF इंदौर की शिक्षिका चेतना खांबेटे , प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के लिए चयनित की गई है। श्रीमती खांबेटे ने शिक्षा के क्षेत्र में समर्पण और नवाचारी शिक्षण प्रथाओं की वजह से अपनी अविस्मरणीय छाप छोडी है।

जीवविज्ञान में एक उत्कृष्ट शिक्षिका के रूप में केन्द्रिय विद्यालय संगठन में विभिन्न विद्यालयों में श्रीमती खांबेटे की यात्रा सचमुच प्रेरणास्त्रोत है जो कि सोलापूर से होते हुए केंद्रीय विद्यालय 2, BSF इंदौर तक पहुंची जहां इन्होंने लगातार दस वर्षों तक अपनी सेवाएं दी है। अपने 18 वर्षों के इस कार्यकाल में उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों और भूमिकाओं के प्रति उनके अनुकूलन और नियमित सीखने की क्षमता ही उनके कार्यों को विशेष रूप देती है।

शिक्षिका श्रीमती चेतना खांबेटे
शिक्षिका श्रीमती चेतना खांबेटे

श्रीमती खांबेटे ने अपने छात्रों के लिए समग्र शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिक्षा के लिए समर्पित गैर सरकारी संगठन एकलव्य के साथ उनकी व्यापक भागीदारी ने उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाया है। एचएसटीपी, सवालीराम, चकमक क्लब और विज्ञान प्रशिक्षण जैसी पहलों के माध्यम सेइन्होंने लगातार पारंपरिक शिक्षण की सीमाओं को आगे बढ़ाया है।

श्रीमती खांबेटे की उल्लेखनीय शक्तियों में से एक उनके स्वयं के व्यावसायिक विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में निहित है। उन्होंने केवीएस, सीबीएसई, एकलव्य और अन्य प्रतिष्ठित एजेंसियों द्वारा आयोजित कई प्रशिक्षण सत्रों और कार्यशालाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया है, और अक्सर एक संसाधन व्यक्ति RESOURCE PERSON के रूप में कार्य करती हैं। इन व्यस्तताओं ने न केवल उसके शिक्षण कौशल को निखारा है बल्कि उसके ज्ञान के आधार का भी विस्तार किया है।

श्रीमती खांबेटे की क्षमता रचनात्मक लेखन और अनुसंधान तक फैली हुई है। उन्होंने एकलव्य के प्रकाशन, सन्दर्भ में जीवविज्ञान-आधारित विषयों पर व्यावहारिक लेख और शोध पत्रों का योगदान दिया है। एपीयू बैंगलोर द्वारा आयोजित आईआईएसईआर मोहाली में एक विज्ञान संगोष्ठी में एक शोध पत्र की प्रस्तुति से शिक्षा जगत के प्रति उनका समर्पण उजागर हुआ।

श्रीमती खांबेटे के शिक्षण दर्शन के केंद्र में उनके छात्रों के बीच वैज्ञानिक स्वभाव का विकास है। वह शिक्षार्थी-केंद्रित पद्धतियों में विश्वास करती है, जो छात्रों को आजीवन शिक्षार्थी बने रहने के लिए प्रोत्साहित करती है। उनकी जीव विज्ञान प्रयोगशाला व्यावहारिक सीखने का एक गतिशील केंद्र है, जो 3डी मॉडल, शिक्षण सहायक सामग्री, चार्ट और इंटरैक्टिव टूल से सुसज्जित है, जो छात्रों के लिए एक गहन वातावरण को बढ़ावा देता है।इनका प्रभाव कक्षा से परे तक फैला है, क्योंकि वह वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान में छात्रों का मार्गदर्शन करती हैं। उनके समर्पण के कारण राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में छात्र परियोजनाओं का चयन हुआ।

श्रीमती खांबेटे की कक्षा में, छात्रों की भागीदारी, सेमिनार, चर्चा और पूछताछ को दृढ़ता से प्रोत्साहित किया जाता है। उनका लक्ष्य अपने छात्रों को मूलभूत जैविक अवधारणाओं से परिपूर्ण करना है जो आजीवन सीखने के कौशल के रूप में काम करेगा, जिससे उन्हें आज के सूचना-संचालित युग में आगे बढ़ने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके। उनका लक्ष्य छात्रों को जीवन के मौलिक पाठ सिखाना है जो उन्हें आज की जानकारी युक्त युग में उत्कृष्टता प्राप्त करने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने की क्षमता प्रदान करेगी।

श्रीमती खांबेटे ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के लिए अपने आवेदन में अपने शिक्षण के कला के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सुंदरता से व्यक्त किया। 5 सितंबर 2023 को शिक्षक दिवस पर पुरस्कार समारोह के आयोजन के साथ ही श्रीमती चेतना खांबेटे को आज दिनांक 5 सितंबर शाम 4.15 बजे भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा।

उनका समर्पण, उत्साह, और शिक्षा के प्रति नवाचारी प्रतिष्ठा शिक्षकों के लिए निश्चित रूप से एक सच्चे प्रेरणा का प्रतीक है, जो देशभर में शिक्षकों को प्रेरित करता है।

अपनी पूरी यात्रा के दौरान, श्रीमती खांबेटे को उनके असाधारण योगदान के लिए लगातार सराहा गया है। उनको मिले पुरकारों में पत्रिका शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार 2022, केवीएस राष्ट्रीय प्रोत्साहन पुरस्कार 2019, क्षेत्रीय प्रोत्साहन पुरस्कार 2018, केवीएस डीएसटी विज्ञान शिक्षक पुरस्कार 2012 और शिक्षक सम्मान 2014 शामिल हैं। विशेष रूप से, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर उनके छात्रों की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ उनकी प्रभावशीलता तथा उनके उत्कृष्ट शिक्षण दृष्टिकोण को रेखांकित करती हैं।

शिक्षा के प्रति उनका समर्पण, जुनून और नवीन दृष्टिकोण निस्संदेह उन्हें देश भर के शिक्षकों के लिए प्रेरणा का सच्चा प्रतीक बनाता है। केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 के प्राचार्य मनीष जैन एवं स्टाफ के अन्य सदस्यो द्वारा हर्ष व्यक्त किया। उनकी इस उपलब्धि के लिए शाल-श्रीफल देकर सम्मानित किया एवं भविष्य के लिए शुभकामनाए दी ।

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