Ajit Pawar: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को एक बड़ा कानूनी राहत मिली है। आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल (ITAT) ने उनकी 1000 करोड़ रुपये से अधिक की जब्त संपत्ति को रिलीज करने का आदेश दिया है। यह फैसला तब आया जब अजित पवार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की छठी बार शपथ लेने के महज दो दिन बाद यह उपलब्धि हासिल की।
ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि आयकर विभाग बेनामी लेनदेन से संबंधित कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सका और सभी लेनदेन बैंकिंग प्रणाली के जरिए किए गए थे। 2021 में आयकर विभाग ने पवार और उनसे जुड़ी 30 से अधिक संपत्तियां जब्त की थीं। इनमें पुणे, मुंबई और अन्य शहरों में कई प्रमुख अचल संपत्तियां शामिल थीं।
राजनीतिक गलियारों में इस फैसले को अजित पवार के लिए एक बड़ी जीत माना जा रहा है। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद यह फैसला आने से उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह फैसला उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि इससे न केवल उनका कानूनी पक्ष मजबूत हुआ है, बल्कि उनके समर्थकों के बीच भी यह संदेश गया है कि वह आरोपों से बेदाग बाहर आए हैं। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र की राजनीति में नई दिशा और चर्चा को जन्म दे सकता है, क्योंकि अजित पवार लंबे समय से विपक्ष के निशाने पर रहे हैं।
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