अयोध्या में 16 जनवरी से शुरू हुए प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान का शुक्रवार 19 जनवरी को चौथा दिन है। गुरुवार को रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में बने आसन पर कारीगरों ने खड़ा किया है। इस प्रोसेस में करीब 4 घंटे लगे। बताया गया है कि, अब मूर्ति को गंध वास के लिए सुगंधित जल में रखा जाएगा फिर अनाज, फल और घी में भी रखा जाएगा।

आज श्रीरामलला वैदिक मंत्रों के साथ औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास करेंगे। फिर आरणी मंथन से कुंडों में अग्नि प्रकट की जाएगी। आचार्य अरुण दीक्षित ने कहा कि – “अग्नि देव को प्रकट करने के लिए आरणी मंथन होगा फिर श्रीरामलला 20 जनवरी को वास्तु शांति के बाद सिंहासन पर विराजेंगे।”
इस बीच, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि – “गर्भगृह में नई प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा में कोई दिक्कत नहीं है। ऐसा लोगों के दर्शन के लिए किया गया है। आज शाम 7 बजे से अस्थाई राम मंदिर में दर्शन बंद हो जाएंगे।”
