श्योपुर से आत्महत्या का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहाँ एक युवक ने सपने से परेशान होकर जहर पी लिया। जिसके बाद उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे राजस्थान के कोटा रेफर कर दिया। फिलाहल युवक की हालत नाजुक बनी हुई है।
मामला सिटी कोतवाली थाना इलाके के गांधीनगर का है। जहाँ देवेंद्र शिवहरे (23) ने गुरुवार की शाम कोल्ड ड्रिंक में चूहे मार दवा के 3 पाउच मिलाकर पी ली। युवक के परिजन ने बताया कि, “देवेंद्र को अजीबो-गरीब सपने आते हैं। इसी से परेशान होकर उसने आत्महत्या की कोशिश की होगी।”
देवेंद्र ने बताया कि, “4 रातों से नींद लगते ही अजीब सपने आ रहे हैं। नींद लगने के 10-15 मिनट बाद 3-4 लोग दिखाई देते हैं, जो कहते कि चल तेरा टाइम पूरा हो गया। जब वह जाने से मना करता तो वह उससे कहते कि सीधे से चलता है या जबरदस्ती लेकर जाएं।”
शुरुआत में मुझे लगा कि, यह एक सपना है, लेकिन जब इस तरह की अजीबो-गरीब घटना नींद लगते ही बार-बार होने लगी, तो मुझे लगा कि अब टाइम पूरा हो गया है। देवेंद्र ने यह बात परिवार के लोगों से लेकर अपने करीबियों तक को भी बताई थी। सभी को लगा कि उसका एक दोस्त पिछले दिनों सड़क हादसे में मर गया था। उसकी वजह से परेशान है और कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा।
आत्महत्या से पहले चुकाई उधारी –
परिजन ने बताया कि, गुरुवार को देवेंद्र ने पूरी प्लानिंग के साथ जहर खाया है। देवेंद्र नल-जल योजना के काम में प्राइवेट सुपरवाइजर है। उसने गुरुवार को ही अपनी सैलरी लेकर मजदूरों को तन्खा दी और मजदूरों का हिसाब करते हुए कहा कि, “मैं आज तक का सुपरवाइजर हूं। शाम से दूसरा सुपरवाइजर आएगा।” शाम को कटिंग और शेविंग कराई। सैलून वाले से कहा कि, “अच्छी तरह से करना मेरी आखिरी कटिंग है।”
इसके बाद उसने दुकान पर पहुंचकर चूहे मार दवा के तीन पाउच खरीदे और दुकान का जो भी बकाया था उसको चुकता किया। फिर एक कोल्ड ड्रिंक ली और ब्लॉक कॉलोनी के पास चूहा मार दवा मिलाकर पी ली। इसके बाद देवेंद्र घर पहुंचा और बेहोश होकर गिर गया। जिला अस्पताल श्योपुर चौकी प्रभारी धर्मेंद्र मीणा ने बताया कि, “युवक ने जहर खाया है, जिससे उसकी हालत गंभीर है। इलाज के लिए उसे कोटा रेफर किया गया है।”
साइकोलॉजी से जुड़ी समस्या –
इस बारे में जिला अस्पताल में पदस्थ सीनियर डॉ. विष्णु गर्ग का कहना है कि, “युवक कुछ अजीब टाइप की बातें कर रहा है। कई बार साइकोलॉजी से जुड़ी समस्या की वजह से इस तरह की दिक्कतें हो जाती हैं। कई बार सुनी सुनाई और कोई घटना देख लेते हैं, तो भी इस तरह की बातें लोगों की दिमाग में आ जाती है। यह केस भी वैसा ही लग रहा है। हमने उसे रेफर किया है और उसके परिजनों को भी बोला है कि – “जहर का मेडिसिन हो जाने के बाद उसे किसी अच्छे साइकोलॉजिस्ट को दिखाएं।”