लोकायुक्त से बच निकले ‘सोने’ के राज़

dainik rajeev
Saurabh Sharma Case

Saurabh Sharma Case: मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग के अरबपति पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा, उसके खासमखास चेतनसिंह गौर और शरद जायसवाल से लोकायुक्त पुलिस कड़ी पूछताछ के बावजूद 54 किलो सोने और 11 करोड़ नगदी का राज़ नहीं उगलवा पाई। यही नहीं, बरामद 54 किलो सोना बाद में 52 किलो कैसे रह गया, यह भी एक बड़ा सवाल बन गया है। अब इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा है।

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कड़ी पूछताछ के बावजूद निराशा

मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग के अरबपति पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा, उसके खासमखास चेतनसिंह गौर और शरद जायसवाल से लोकायुक्त पुलिस कड़ी पूछताछ के बावजूद 54 किलो सोने और 11 करोड़ नगदी का राज़ नहीं उगलवा पाई। यही नहीं, बरामद 54 किलो सोना बाद में 52 किलो कैसे रह गया, यह भी एक बड़ा सवाल बन गया है। अब इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता केके मिश्रा ने इस पूरे मामले पर तीखे सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “लोकायुक्त पुलिस आखिर इन भ्रष्ट अफसरों से असली मालिक का नाम क्यों नहीं उगलवा पाई? क्या लोकायुक्त की गिरफ़्तारी महज़ दिखावा थी? क्या नार्को-पॉलीग्राफ़ी टेस्ट बंद हो चुके हैं?” मिश्रा ने आगे कहा कि इससे पहले आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इन आरोपियों को “ईमानदार” होने का प्रमाण पत्र दे दिया था।

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अब सवाल यह उठता है कि यह कार्रवाई एक प्रायोजित गिरफ़्तारी थी या फिर किसी बड़ी डीलिंग का हिस्सा? मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, “आपकी प्राथमिकता उद्योगों को बढ़ावा देना है, लेकिन क्या भ्रष्टाचार रूपी इस ‘विराट इंडस्ट्री’ पर आपका मौन रहना ठीक है?” अब देखना दिलचस्प होगा कि ED इस मामले में क्या नए खुलासे करती है और भ्रष्टाचार के इस बड़े जाल में और कौन-कौन से बड़े नाम सामने आते हैं।

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