इंदौर में हिट एंड रन कानून के विरोध में ट्रक एवम बस ड्राइवर संगठन सोमवार सुबह से ही सड़क पर उतर आए हैं। ड्राइवरो ने गंगवाल बस स्टैंड चौराहे पर बैरिकेड्स लगाकर रास्ते बंद कर दिए और शहर के कई चौराहों पर जाम लगा दिया हैं। इस वजह से स्कूल जाने वाले बच्चों की बसें भी फंसी हुई हैं। वहीँ, महू वाले रास्ते पर आर्मी के अधिकारियों के भी फंसने की सूचना है।
इंदौर से संचालित 1500 से ज्यादा बसों का संचालन बंद –
सरवटे बस स्टैण्ड के इंचार्ज दिनेश पटेल ने बताया कि, सोमवार को यहां से विभिन्न रुट पर संचालित होने वाली 425 से ज्यादा बसें, गंगवाल बस स्टैण्ड से 250 बसें तथा तीन इमली से संचालित होने वाली 200 से ज्यादा बसों का संचालन आज नहीं हुआ।
उधर, AICTSL द्वारा इंदौर में 400 और बाहर 150 बसों का संचालन किया जाता है। ये सभी बसें भी आज हड़ताल के कारण रवाना नहीं हुई। इससे अब लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। ट्रक एवम बस ड्राइवर एसोसिएशन के मैदान में उतरने के कारण सभी उग्र तरीके से विरोध कर रहे हैं।
स्कूल-कॉलेजों की भी कई बसें बंद –
इंदौर में कई स्कूल-कॉलेज की बसें बंद हो गयी हैं। यहां हर रोज सैकड़ों बसों का संचालन होता है। इसे लेकर बच्चों की काफी फजीहत हुई। इसके अलावा ट्रक ड्रायवर्स ने भी रात 2 बजे से ट्रक खड़े करने शुरू कर दिए हैं। यह ट्रक शहर के आउट और कई बायपास lसहित बस और ट्रक स्टैंड पर खड़े करने शुरू कर दिए हैं।
बता दें, यह सभी ड्रायवर्स हिट एंड रन केस को लेकर केंद्र सरकार के नए कानून के विरोध कर रहे हैं। हालांकि यह हड़ताल ट्रांसपोर्टर्स द्वारा नहीं बल्कि सिर्फ ड्रायवर्स ने की है। हालांकि अभी इसमें चार्टेड और अन्य ड्राइवर्स सामने नहीं आए हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र –
ऑल मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस नई दिल्ली चेयरमैन सीएल मुकाती ने बताया कि, इस मामले को लेकर कई स्थानों से सूचनाएं आ रही हैं कि ट्रक ड्राइवर्स अपनी गाड़ियां छोड़कर जा रहे हैं। हमने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है, जिसमें कानून वापस लेने के लिए पुनर्विचार करने की बात लिखी है। अगर सरकार कानून वापस लेने से मना करती है तो हम सब मिलकर आंदोलन के साथ चक्काजाम करेंगे।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा कि, हम 2 जनवरी को देशभर के ट्रांसपोटर्स की बैठक करने वाले हैं। इसमें आगे के लिए निर्णय लिए जाएंगे। इस नियम के आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं।
दरअसल, भारतीय न्याय संहिता 2023 में एक्सीडेंट में दोषी वाहन चालकों को 10 साल की सजा और 7 लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान है, जो हमारे परिवहन उद्योग को खतरे में डाल रहा है। प्रावधान को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर करते हुए कहा कि “हिट एंड रन के मामलों में कड़े कदम उठाने की जरूरत जरूर है और इसके पीछे इरादा भी सरकार का अच्छा है, लेकिन जो कानून प्रस्तावित है उसमें कई सारी खामियां हैं। इस पर दोबारा सोचने की जरूरत है।