राज्यसभा में तीनों क्रिमिनल लॉ बिल (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल) गुरुवार को पास हो गए। बुधवार को ये तीनों बिल लोकसभा से पास हो चुके हैं। अब इन्हें मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी मिलते ही ये तीनों बिल कानून बन जाएंगे। बिल के पास होते ही राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
किसी भी मामले में 3 साल में न्याय दिलाने का उद्देश्य –
बिलों पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा – “जो लोग सदन के बाहर पूछते हैं कि, इस कानून से क्या होगा? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इसके लागू होने के बाद “तारीख पर तारीख का जमाना” नहीं रहेगा। किसी भी मामले में 3 साल के अंदर न्याय दिलाने का उद्देश्य है।
जो कहते हैं कि, नए कानूनों की जरूरत क्या है, उनको स्वराज का मतलब नहीं पता, इसका मतलब स्व शासन नहीं है। इसका मतलब स्व धर्म, भाषा, संस्कृति को आगे बढ़ाना है। गांधी जी ने शासन परिवर्तन की लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने स्वराज की लड़ाई लड़ी थी। आप 60 साल सत्ता में बैठे रहे, लेकिन स्व को लगाने का काम नहीं किया, अब ये काम मोदी जी ने किया हैं।
आरोपी की गैरमौजूदगी में भी ट्रायल होगा –
देश में कई केस लटके हुए हैं, बॉम्बे ब्लास्ट जैसे केसों के आरोपी पाकिस्तान जैसे देशों में छिपे हुए हैं। अब उनके यहां आने की जरूरत नहीं है, अगर वे 90 दिनों के भीतर कोर्ट के सामने पेश नहीं होते हैं तो उनकी गैरमौजूदगी में ही केस का ट्रायल होगा।
IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी –
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इस बिल के तहत कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे। IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी। 175 धाराएं बदलेंगी और 8 नई जोड़ी जाएंगी, साथ ही 22 धाराएं खत्म होंगी।
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इसी तरह CrPC में 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी और 9 खत्म होंगी। पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था।
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फैसलों में तेजी आएगी। देश में 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं। इनमें से 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में हैं।
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इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25,042 पदों में से 5,850 पद खाली हैं, उन्हें भी जल्दी भरा जायेगा।