ईरान ने शुक्रवार को चार लोगों को फांसी पर लटका दिया। मारे गए चारों लोग ईरान के ही नागरिक थे। इनमें तीन पुरुष और एक महिला शामिल है। सभी पर इजराइल की खुफिया एजेंसी “मोसाद” के लिए जासूसी का आरोप था। पिछले हफ्ते ईरान ने पति की हत्या की दोषी एक महिला को फांसी दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन लोगों को शुक्रवार को फांसी दी गई, उनकी फैमिलीज को कुछ घंटे पहले ही इस बारे में बताया गया था। मारे गए लोगों की पहचान वफा हानारेह, अरम ओमेरी, रहमान परहोजो और नसीम नमाजी (महिला) हैं। इन लोगों को सजा से पहले एक आदेश पढ़कर सुनाया गया, जिसमे कहा गया था कि – “आप लोगों ने यहूदियों के लिए वतन से गद्दारी की है, जिसके चलते आपको सज़ा-ए-मौत दी जाती हैं।”
13 साल में 200 से ज्यादा महिलाओं को फांसी –
UN ह्यूमन राइट्स कमीशन ने कहा कि – “इस सजा से हम सकते में हैं। ईरान से मांग करते हैं कि, वो सज़ा-ए-मौत पर फौरन रोक लगाए। क्यूंकि 2010 के बाद से अब तक वहां 200 महिलाओं को फांसी पर लटकाया जा चुका है। बदकिस्मती ये है कि, इनमें से ज्यादातर खुद डोमेस्टिक वॉयलेंस की शिकार थीं।”
ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार ने तो डिप्लोमैटिक लेवल पर समीरा की सजा माफ किए जाने की मांग की थी। हालांकि, वहां की सरकार ने इस पर विचार तक करने से इनकार कर दिया और इसकी वजह देश का कानून बताया गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक – इस साली यानी 2023 में ईरान सरकार ने 18 महिलाओं को फांसी दी है। सितंबर 2022 में 8 पुरुषों को हिजाब विरोधी आंदोलन का हिस्सा बता कर सज़ा-ए-मौत दी गई थी। वहीँ, साल 2022 में कुल 582 लोगों को सज़ा-ए-मौत दी गई थी। माना जा रहा है कि, इस साल यह आंकड़ा कहीं ज्यादा हो सकता है।